रूद्र ना० यादव/०२ जुलाई २०११
मधेपुरा में बिजली की घटिया स्थिति पर बार-बार चर्चा करना समय की ही बर्बादी है.एक बारिश हुई तो बिजली चौबीस घंटे गायब, एक आंधी आती है तो लोगों को बिजली के लिए बहत्तर घंटे का इन्तजार करना पड़ता है.शहर भर में दौड़ रहे बिजली के तारों की स्थिति को ठीक करने में विभाग की कोई दिलचस्पी नही है.घर में बिजली के दर्शन दुर्लभ हैं तो अब विभाग की मेहरबानी से लोगों को बिजली रानी के नए-नए रूप देखने को मिल रहे हैं.कल डाक बंगला रोड में बिजली के नए रूप को देखकर लोग दहशत में आ गए.हुआ यूं कि
एक बड़े आवाज को सुनकर जब लोगों का ध्यान ऊपर उठा तो देखा कि एक हरे पेड़ में आग लगी हुई है और बिजली के कई तार पेड़ में सटे हुए थे.तार टूट कर गिर न पड़े इस डर से लोग दूर भाग खड़े हुए.दुकानदारों ने हाथ जोड़ भगवान से प्रार्थना की कि इस आग को नीचे मत भेज देना.लोग इन्तजार में थे कि ये आग कब बुझेगी.खैर, ईश्वर ने सबकी सुनी, आग घंटो बाद बुझी और बिजली विभाग की मेहरबानी से एक बड़ा हादसा होने से बच गया.
एक बड़े आवाज को सुनकर जब लोगों का ध्यान ऊपर उठा तो देखा कि एक हरे पेड़ में आग लगी हुई है और बिजली के कई तार पेड़ में सटे हुए थे.तार टूट कर गिर न पड़े इस डर से लोग दूर भाग खड़े हुए.दुकानदारों ने हाथ जोड़ भगवान से प्रार्थना की कि इस आग को नीचे मत भेज देना.लोग इन्तजार में थे कि ये आग कब बुझेगी.खैर, ईश्वर ने सबकी सुनी, आग घंटो बाद बुझी और बिजली विभाग की मेहरबानी से एक बड़ा हादसा होने से बच गया.
हरे पेड़ में लगी आग, बिजली विभाग की मेहरबानी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 02, 2011
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यहाँ गलतियाँ केवल बिजली विभाग की नहीं हैं..वन विभाग और हम जनता भी इस प्रकार के गलतियों का बराबर का जिम्मेदार हैं...जहाँ से बिजली की तार गुजरती हैं उसके १० फीट से दायरें में पेड़ों को लगाना मना हैं.. जब बिजली विभाग के लोग पेड़ों को काटने पहुचते हैं तो उन्हें लोगों के गुस्सा का भी सामना करना पड़ता हैं.... आज पहले हमें खुद जिम्मेदार बनने की जरूरत हैं..
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