रूद्र नारायण यादव/२८ मई २०११
मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डा० अरूण कुमार मानते हैं कि विश्वविद्यालय में पठन-पाठन की संस्कृति नहीं है.अधिकाँश शिक्षक पढाई के प्रति संवेदनशील तो नहीं ही हैं साथ में वे कॉलेज जाकर सिर्फ उपस्थिति दर्ज करा कर अपने कार्य की इतिश्री मान लेते हैं.कुलपति डा० अरूण कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी तथा कॉलेजों में पठन-पाठन की संस्कृति बहाल करने हेतु मैंने शिक्षकों से आग्रह भी किया है और निर्देश भी दिया है.यदि फिर भी ऐसा नही होता है तो वे जुलाई
महीने में इसके खिलाफ खुद विश्वविद्यालय परिसर में स्व० भूपेंद्र नारायण मंडल की प्रतिमा के सामने धरना पर बैठ जायेंगे.उन्होंने पूर्व में प्राप्त धमकी भरे पत्र के विषय पर कहा कि वे धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और वे विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करके ही दम लेंगे. उन्होंने मीडिया और छात्रों से भी अपील की कि वे उनके इस मुहीम में उनका साथ दें और विश्वविद्यालय की संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए आगे आयें.
महीने में इसके खिलाफ खुद विश्वविद्यालय परिसर में स्व० भूपेंद्र नारायण मंडल की प्रतिमा के सामने धरना पर बैठ जायेंगे.उन्होंने पूर्व में प्राप्त धमकी भरे पत्र के विषय पर कहा कि वे धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और वे विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करके ही दम लेंगे. उन्होंने मीडिया और छात्रों से भी अपील की कि वे उनके इस मुहीम में उनका साथ दें और विश्वविद्यालय की संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए आगे आयें.
कुलपति की इस घोषणा से जहाँ आम लोग कुछ बेहतर की उम्मीद पालने लगे हैं वहीं कुलपति की लाख कोशिशों के बावजूद पढाई कम और राजनीति में ज्यादा रुचि रखने वाले अधिकाँश शिक्षकों की भी स्थिति सुधर जायेगी, ऐसी उम्मीद करना बेमानी है.
अपने ही शिक्षकों के खिलाफ धरना देंगे कुलपति
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 28, 2011
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