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लाश के पास विलाप करते परिजन |
रूद्र नारायण यादव/१२ मार्च २०११
मुश्किल से कुछ ही साल हुए थे जब जीतू ने पिता की असामयिक मौत के बाद गिरते परिवार को संभालने के लिए सरकारी नौकरी ज्वाइन की थी.पिता उमाशंकर सिंह मधेपुरा में ही बिहार सरकार में नाजीर के पद पर थे.जीतू को यह नौकरी अनुकम्पा के आधार पर मिली थी.परिवार ठीक से संभला भी नही था कि आज शाम करीब ५ बजे जीतू की चाकू मार कर हत्या कर दी गयी.यह घटना मधेपुरा शहर के स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के पास की है.घटना के बारे में बताया जाता है कि मृतक जीतू उस वक्त नशे में धुत था जब तीन-चार युवक वहां पहुंचे और जीतू को चाकू मारकर भाग गए.घटना स्थल
पर ही जीतू की मौत हो गयी.पुलिस ने घटनास्थल पर पहुँच कर लाश को अपने कब्जे में ले लिया है.पुलिस का दावा है कि उसने हत्यारे की पहचान कर ली है और जल्द ही हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया जाएगा,घटना की वजह पुरानी दुश्मनी बतायी जाती है और ये भी कहा जाता है कि दो-चार दिन पहले ही जीतू का झगड़ा कुछ लोगों से हुआ था और शायद यही उसकी हत्या की वजह बना.
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हत्या के बाद उमड़ी भीड़ |
यहाँ भी एक शर्मनाक बात सामने आती है कि घटना स्थल एक अतिव्यस्त और भीड़ वाला इलाका है.आज शनिवार है और बैंक तथा अन्य कार्यालय समेत सभी दुकानें खुली थी.और ऐसे में हत्यारा आसानी से हत्या कर चलता बना.वहां उपस्थित लोग हत्यारे को पकड़ सकते थे,पर शायद यहाँ भी भीड़ ने खामोश रहना ही बेहतर समझा.आस-पास के कुछ दुकानदार ने तो पुलिस के पूछताछ के डर से दुकानें तक बंद कर दी और खिसक लिए.जाहिर है,अपराधियों का मनोबल ऐसे में बढ़ेगा ही जो समाज के हित में कभी अच्छा नही होगा.
सरकारी कर्मी की हुई दिनदहाड़े हत्या
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 12, 2011
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इतने कम उम्र के लड़को के बीच इस तरह गुस्सा झगड़ा और हत्या वाली बात को सरकार और प्रसाशन को बहुत ही गंभीरता से लेनी चाहिए और इस तरह की समस्याओं को मनोविज्ञानियों की सहायता से दूर करनी चाहिए...हाँ इस घटना के साथ-साथ और भी कुछ पिछले घटनाओं की समीक्षा की जाय तो एक और बात सामने आती है जहाँ पहले हमारा देश कुछ अन्य चीजों मे आगे बढा था यानि अपराध मे, जैसे गाँधी जी को देशी पिस्टल से मारा गया...इन्द्रा गाँधी को कारबाईन से..और राजीव गाँधी को मानव बम से वहीँ हमारा राज्य अब फिर पुराना रास्ते पर लौट रहा हैं..जैसे अपहरण के जगह फिर घोड़े से डकैती, खून के लिए ऑटोमैटिक हथियारों के बदले चाकू आदि...
ReplyDeleteYES DEAR MR, SANDEEP KUMAR JEE
ReplyDeleteAP NE SAHI BOLA BUT KON SAMJEGA ISBAT KO SARKAR OR POLICE SAB JANTI HAI BUT USKO TIME KAHA HAI KUCH KARNE KA BUS APNA MAL BANA LO OR DESH KO LUTA DO ONLY OR KUCH NAHI HO SAKTA HAI BIHAR KA HUM SOCHETE HAI SARKAR CHANGE KARO BUT JAB HUM CHANGE NAHI HO SAKTE TAB TAK SARKAR KUCH NAHI
KAR SAKTI HAI