राकेश सिंह/२4 अगस्त २०१०
यूं कहा जाय तो मधेपुरा व सम्पूर्ण कोशी बहुत सारे मामले में उन्नत हो रहा है,पर अंधविश्वास अभी भी इस इलाके में जड़ तक समाया हुआ है.कभी तो यहाँ वृक्ष पूजा होने लगती
है तो कभी कहीं जमीन से शिवलिंग निकल जाता है और कभी तो जमीन से पानी का फव्वारा निकल पड़ता है और इलाके के पिछड़े लोग टूट पड़ते हैं इसे ईश्वर का चमत्कार मानकर.लाखों की संख्यां में लोग दौड़ पड़ते है उस दिशा में जहाँ ये प्राकृतिक घटनाक्रम घटती है.वैसे तो पूरी दुनिया कमोबेश अंधविश्वास के मारे हुए हैं,वर्ना भारत में गणेश दूध नही पीने लगते और विदेशों में पॉल ऑक्टोपस और मगरमच्छ की बातों पर विश्वास नही किया जाता.
है तो कभी कहीं जमीन से शिवलिंग निकल जाता है और कभी तो जमीन से पानी का फव्वारा निकल पड़ता है और इलाके के पिछड़े लोग टूट पड़ते हैं इसे ईश्वर का चमत्कार मानकर.लाखों की संख्यां में लोग दौड़ पड़ते है उस दिशा में जहाँ ये प्राकृतिक घटनाक्रम घटती है.वैसे तो पूरी दुनिया कमोबेश अंधविश्वास के मारे हुए हैं,वर्ना भारत में गणेश दूध नही पीने लगते और विदेशों में पॉल ऑक्टोपस और मगरमच्छ की बातों पर विश्वास नही किया जाता.
और अभी कोशी व आसपास की महिलाओं की भीड़ टूट पड़ी है मनिहारी घाट तथा अन्य गंगा घाट की ओर स्नान करने वर्ना उनके दामाद की अकाल मृत्यु तक हो सकती है.दरअसल इस इलाके में किसी ने ये अफवाह उड़ा दी है कि हर दामाद अपनी सासु माता को एक साड़ी सेट और गंगा स्नान हेतु यात्रा भत्ता ३०० रू० देगा और उस थाती को लेकर सासु मैया चल पड़ेगी गंगा स्नान के लिए.नमक मिर्च लगाने वालों ने बढ़ा कर ये भी अफवाह फैला दी है कि यदि सास ऐसा नही करती है तो सास बेचारी काल के गाल में समा सकती है और दामाद के द्वारा उक्त टर्म्स एंड कंडिशंस को पूरा नही किया गया तो दामाद को अपनी जान से हाथ धोना तक पड़ सकता है.ये अफवाह पूरे कोशी को अपने गिरफ्त में इस कदर ले चुकी है कि सासों की फौज गंगा स्नान किये बिना नही मान रही हैं.ट्रेक्टर और ऑटो वालों की चांदी ही चांदी है.डर के मारे पढ़ेलिखे परिवार के लोग भी ऐसा कर रहे हैं.तथाकथित सकारात्मक सोच के लोगों का ये भी कहना है कि इसे मानने में बुराई ही क्या है, जहाँ ये नई परिपाटी दामाद को ससुराल के प्रति ज्यादा जिम्मेवार बना रहा है,पारिवारिक बंधन को मजबूत कर रहा है,और इसी बहाने सास भी तो घूम फिर ले रही है.जबकि शिकायत करने वालों का कहना है कि ये घुमक्क्री सासों की ही दामाद को मूर्ख बनाने की साजिस है.
कोशी में अंधविश्वास का नया पैंतरा- दामाद पूजा
Reviewed by Rakesh Singh
on
August 24, 2010
Rating:
Reviewed by Rakesh Singh
on
August 24, 2010
Rating:

No comments: