सुपौल से लौट कर पंकज भारतीय/१८ जुलाई २०१०
क्रोध एक नशा है और विनाश का कारण भी कहा जाता है.क्रोध के साथ अगर शराब का तडका लगा हुआ हो तो परिणाम कि सहज ही कल्पना की जा सकती है कि परिणाम कितना असहज होगा.ऐसा ही हुआ सुपौल थानान्तर्गत हरदी गांव में जबनशे में धुत्त एक बाप ने शनिवार कि रात
अपने सात महीने के दुधमुहे बेटे को फर्श पर पटक कर मार डाला.इस
लोमहर्षक हत्याकांड का गवाह बना हरदी का प्रसिद्ध दुर्गा स्थान मंदिर जहाँ अक्सर दूर दूर से लोग अधूरी हसरतें पूरा करने के लिए मन्नत मांगने आते हैं.
अपने सात महीने के दुधमुहे बेटे को फर्श पर पटक कर मार डाला.इस
लोमहर्षक हत्याकांड का गवाह बना हरदी का प्रसिद्ध दुर्गा स्थान मंदिर जहाँ अक्सर दूर दूर से लोग अधूरी हसरतें पूरा करने के लिए मन्नत मांगने आते हैं.
शनिवार को दिन में राजेश ने पत्नी की जमकर पिटाई की और उसे जान से मारने की धमकी दी.डरी सहमी फूल कुमारी देर शाम अपने सात माह के बेटे शिवकुमार को लेकर चुपचाप ३ किमी दूर अपने मायके कुम्हैठ निकल पड़ी.दुर्गास्थान के पास पति राजेश से मुलाक़ात हो गई और नोक-झोंक शुरू हो गयी.नोक-झोंक मारपीट में तब्दील हुई और नशे में धुत्त राजेश ने बेटे को मंदिर के चबूतरे पर पटक कर मार डाला.भीड़ जमा होने लगी और मौके की नजाकत को देखते हुए अँधेरे में बर्बर राजेश भाग खड़ा हुआ.
दरअसल फूल कुमारी की दुर्दिन की शुरुआत तीन साल पहले शादी होने के बाद ही शुरू हो गयी.सुहागरात की पहली ही रात में राजेश ने फूल कुमारी की पिटाई कर अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत की.दरअसल राजेश चारित्रिक रूप से दुर्बल था और उसके टाँके पहले से ही गम्हरिया की एक युवती से जुड़े हुए थे.वह घुमक्कड प्रवृति का था और नशे का आदी भी था.इन्ही कारणों से पति पत्नी के बीच वैचारिक वैमनस्यता बनी रहती थी.राजेश के प्रताडणा में उसकी माँ नेहा देवी की भी सहभागिता रहती थी.फूलकुमारी के फर्द बयां पर कांड संख्यां २००८/१० दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ कर दिया गया है.यह प्रकरण समाज में तेजी से बदल रही रिश्तों की सच्चाई को बयां कर रही है जहाँ अब खून के रिश्ते भी सवालों के घेरे में है.हत्यारा राजेश का कृत्य सभ्य समाज के लिए आने वाले दिनों में एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.
"शराबी व्यक्ति पलायनवादी होते हैं.वास्तविकता से भागना चाहते हैं और उनमे प्रतिशोध की प्रवृति होती है.दाम्पत्य जीवन में शक का बीजारोपण ऐसी घटना की वजह बनती है."-डा० एम० आई० रहमान,वरिष्ट अध्यापक,मनोविज्ञान विभाग,बी०एन०मंडल विश्वविद्यालय.
"शराबी व्यक्ति पलायनवादी होते हैं.वास्तविकता से भागना चाहते हैं और उनमे प्रतिशोध की प्रवृति होती है.दाम्पत्य जीवन में शक का बीजारोपण ऐसी घटना की वजह बनती है."-डा० एम० आई० रहमान,वरिष्ट अध्यापक,मनोविज्ञान विभाग,बी०एन०मंडल विश्वविद्यालय.
बाप ने की मासूम बेटे की हत्या
Reviewed by Rakesh Singh
on
July 18, 2010
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