मधेपुरा मंडल कारा इन दिनों गांजा व्यापारियों का अड्डा बन गया है.यहाँ बंद कुख्यात अपराधी जेल अधिकारी व कर्मी की मिली भगत से जेल में गांजा का व्यापार चला रहे हैं.इसका खुलासा छापामारी के बाद मधेपुरा के डीएम तथा एसपी ने किया है.
मालूम हो कि आज शुक्रवार को चार बजे सुबह से ही डीएम डा० बीरेन्द्र प्रसाद यादव एवं एसपी वरुण कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ जेल में सघन छापेमारी की गयी जो तकरीबन चार घंटे चली
.डीएम व एसपी ने छापेमारी के बाद पत्रकारों को बताया कि चार मोबाइल,कई मोबाइल चार्जर,गांजा के पैकेट,पांच हजार
रूपये नकद,बंद कुख्यात अपराधी के पास से डायरी, कैंची,गुटका,सिगरेट एवं कई आपत्तिजनक सामान बरामद किये गए.अधिकारी द्वय ने बताया कि डायरी में दर्ज मोबाइल नं० एवं नामों की जांच की जायेगी ताकि अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हो सके.उन्होंने कहा कि जेल के अंदर से जो गांजा का पैकेट बरामद हुआ है,
पूछताछ के बाद जानकारी मिली कि जेल में गांजा को बीस रूपये और दस रूपये का पैकेट बना कर बेचा जाता था.उन्होंने बताया कि इस तरह का धंधा जेल के अंदर कैसे चल रहा था,इसकी भी जांच कर दोषी अधिकारी और कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
बंदी के पास से बरामद मोबाइल से कई अपराधी और उनके ठिकानों का खुलासा होगा कि जेल में बंद अपराधी कैसे जेल से बाहर अपराधिक घटना को अंजाम देने की साजिस रचा करते हैं.कुल मिला कर कहा जा सकता है कि अपराधी जेल के अंदर रहे या बाहर अपना धंधा चला ही लेते हैं.
मालूम हो कि आज शुक्रवार को चार बजे सुबह से ही डीएम डा० बीरेन्द्र प्रसाद यादव एवं एसपी वरुण कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ जेल में सघन छापेमारी की गयी जो तकरीबन चार घंटे चली
.डीएम व एसपी ने छापेमारी के बाद पत्रकारों को बताया कि चार मोबाइल,कई मोबाइल चार्जर,गांजा के पैकेट,पांच हजार
रूपये नकद,बंद कुख्यात अपराधी के पास से डायरी, कैंची,गुटका,सिगरेट एवं कई आपत्तिजनक सामान बरामद किये गए.अधिकारी द्वय ने बताया कि डायरी में दर्ज मोबाइल नं० एवं नामों की जांच की जायेगी ताकि अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हो सके.उन्होंने कहा कि जेल के अंदर से जो गांजा का पैकेट बरामद हुआ है,
पूछताछ के बाद जानकारी मिली कि जेल में गांजा को बीस रूपये और दस रूपये का पैकेट बना कर बेचा जाता था.उन्होंने बताया कि इस तरह का धंधा जेल के अंदर कैसे चल रहा था,इसकी भी जांच कर दोषी अधिकारी और कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
बंदी के पास से बरामद मोबाइल से कई अपराधी और उनके ठिकानों का खुलासा होगा कि जेल में बंद अपराधी कैसे जेल से बाहर अपराधिक घटना को अंजाम देने की साजिस रचा करते हैं.कुल मिला कर कहा जा सकता है कि अपराधी जेल के अंदर रहे या बाहर अपना धंधा चला ही लेते हैं.
मधेपुरा जेल में गांजा का व्यापार
Reviewed by Rakesh Singh
on
July 02, 2010
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