दहशत के साये में रहेंगे कब तक ?//रचना भारतीय

वहशत के ये घिनौने  खेल 
चलेंगे कब तक ..?
किसी की अस्मत कोई 
सरेआम कुचलेंगे कब तक ?

जो कानून हिफाज़त 
कर न सके मासूमों की ..
उस "कागज के ढेर" को 
हम ढोते रहेंगे कब तक ..?

घर हो या बाहर ..कहीं भी 
महफूज़ नही हम ..
लड़की होने की ये सजा 
हम भुगतेंगे कब तक  ..?

हर ओर नज़र आती हैं 
गिद्ध सी निगाहें ..
दहशत के साये में हम
यूँ  रहेंगे कब तक ..?

ये सवाल है उन तबाह 
जिंदगियों का सबसे ..
लोग हाथ बांधे खामोश 
रहेंगे कब तक ..?

महिलाओं पर अत्याचार 
कभी ख़त्म नही होगा ..
समाज वाले अपना नजरिया 
न बदलेंगे जब तक.

है जरूरत कि  बेटियों को 
अब "फौलाद" बनाएं ..
नाज़ुक गुडिया बना कर 
उसे रखेंगे कब तक ..?


--रचना भारतीय, मधेपुरा.
दहशत के साये में रहेंगे कब तक ?//रचना भारतीय दहशत के साये में रहेंगे कब तक ?//रचना भारतीय Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 21, 2012 Rating: 5

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