सड़क जाम आंदोलन का नेतृत्व किसान सभा के जिला अध्यक्ष रमण कुमार, भाकपा अंचल मंत्री रमेश कुमार शर्मा एवं पूर्व अंचल मंत्री अनिल भारती ने किया।
भाकपा नेताओं ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त कर उसके स्थान पर विकसित भारत रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (VB-G RAM G) विधेयक 2025 लाने का वे कड़ा विरोध करते हैं। यह विधेयक ग्रामीण गरीबों, भूमिहीन मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और वंचित तबकों के रोजगार पर सीधा हमला है। मनरेगा को समाप्त करना ग्रामीण भारत के खिलाफ एक प्रतिगामी कदम है।
नेताओं ने कहा कि इससे राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा, जिसे बिहार जैसे राज्य सहन नहीं कर पाएंगे। योजना का क्रियान्वयन कमजोर होगा और मजदूरों को समय पर काम एवं मजदूरी मिलना और कठिन हो जाएगा।
भाकपा ने खाद की कालाबाजारी पर अविलंब रोक लगाने, धान की अधिप्राप्ति सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करने तथा गरीबों और भूमिहीनों के घर व दुकानों पर बिना वैकल्पिक व्यवस्था के अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की। नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
आंदोलन में भाकपा नेता उमाशंकर मुन्ना, उमेश रजक, सिकंदर मंडल, सोनेलाल महतो, श्याम सुंदर मंडल, अजय राम, गजेंद्र ऋषिदेव, अक्षय यादव, विनोद मालाकार, मोहम्मद सदीक सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 22, 2025
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