गोपाष्टमी महोत्सव में अनियमितताओं को रोकने के लिए माया अध्यक्ष ने जिलाधिकारी से की हस्तक्षेप की मांग

गोपाष्टमी महोत्सव में कला संस्कृति पदाधिकारी द्वारा स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा, तथाकथित ख्याति प्राप्त कलाकारों के नाम पर भ्रम, बार-बार एक ही एजेंसी को कार्यक्रम दिए जाने एवं समिति संचालन में अनियमितता के संबंध में जाँच हेतु मधेपुरा के जिलाधिकारी के नाम एक आवेदन मधेपुरा यूथ एसोसिएशन "माया" के अध्यक्ष राहुल यादव ने दिया है।

आवेदन में उन्होंने कहा है कि जिले में आयोजित राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव के संचालन को लेकर गंभीर अनियमितताओं एवं मनमानी की लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। इस संबंध में विभिन्न समाचार पत्रों, डिजिटल न्यूज पोर्टलों एवं सोशल मीडिया पर भी खबरें प्रकाशित/प्रसारित हुई हैं, जिससे महोत्सव की पारदर्शिता एवं गरिमा पर प्रश्नचिह्न लग रहा है। राजकीय महोत्सवों का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं बल्कि स्थानीय संस्कृति, परंपरा एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करना तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट कला-संस्कृति से आम जनता को परिचित कराना होता है। किंतु गोपाष्टमी महोत्सव में इस उद्देश्य की अनदेखी की गई है। स्थानीय कलाकारों को उचित अवसर नहीं दिया गया, जबकि बार-बार एक ही एजेंसी एवं सीमित लोगों को कार्यक्रम सौंपे गए।

उन्होंने आगे कहा कि यह भी गंभीर तथ्य सामने आया है कि क्षेत्रीय अथवा सामान्य स्तर के कलाकारों को आमंत्रित कर उन्हें “ख्याति प्राप्त कलाकार” बताकर प्रस्तुत किया जाता है, जो पूरी तरह भ्रामक है। इससे न केवल सरकार की मंशा के साथ छल होता है, बल्कि वास्तविक रूप से ख्याति प्राप्त कलाकारों एवं योग्य स्थानीय कलाकारों दोनों के साथ अन्याय होता है। राजकीय मंच से किसी कलाकार को ख्याति प्राप्त बताने के लिए उसके कार्य, पहचान एवं उपलब्धियों का स्पष्ट मानक होना चाहिए, जिसे जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसी परंपरा पर तत्काल रोक लगना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त यह भी देखा गया है कि महोत्सव से संबंधित समितियों में एक ही व्यक्ति को कई-कई जिम्मेदारियां सौंप दी जाती हैं। कई समितियों में वर्षों से वही सदस्य एवं पदाधिकारी बने हुए हैं, न तो नए सदस्यों को अवसर दिया जाता है और न ही चुनाव की कोई प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे मनमानी को बढ़ावा मिल रहा है।

आवेदन में लिखा कि संगीत शिक्षिका श्रीमती शशि प्रभा जायसवाल के संबंध में भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि उनके द्वारा बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाया जाता है। आरोप है कि उन्हें कला संस्कृति पदाधिकारी का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण बच्चे भयवश अपनी समस्याएं सामने नहीं रख पाते। इसी का परिणाम रहा कि हाल ही में एक स्थानीय युवा कलाकार मंच पर भावुक होकर रोने को मजबूर हो गया, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिंताजनक है।

अतः मधेपुरा यूथ एसोसिएशन निम्नलिखित मांगें करता है—

गोपाष्टमी महोत्सव सहित जिले में आयोजित सभी राजकीय महोत्सवों की निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय जाँच कराई जाए।

बार-बार एक ही एजेंसी को कार्यक्रम दिए जाने की प्रक्रिया एवं चयन मानक की जाँच की जाए।

आमंत्रित कलाकार वास्तव में ख्याति प्राप्त हैं या नहीं, इसके लिए स्पष्ट मापदंड तय किया जाए तथा क्षेत्रीय कलाकारों को झूठे रूप में “ख्याति प्राप्त” बताने की परंपरा पर रोक लगाई जाए।

शशि प्रभा जायसवाल एवं गौशाला समिति के वर्तमान सचिव को समिति से बाहर किया जाए।

गौशाला समिति सहित जिले की सभी सांस्कृतिक समितियों को भंग कर नए सिरे से पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा सदस्यों का चयन किया जाए।

समितियों में स्थानीय नागरिकों, कलाकारों एवं पत्रकारों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।

स्थानीय कलाकारों को समय पर सम्मानजनक मानदेय एवं उचित मंच उपलब्ध कराया जाए।

कार्यक्रमों में निर्णायक (Judge) की भूमिका केवल विषय विशेषज्ञों को ही दी जाए, ताकि एक ही व्यक्ति द्वारा कलाकार, उद्घोषक एवं जज की भूमिका निभाने की स्थिति समाप्त हो।

माया अध्यक्ष राहुल यादव ने जिलाधिकारी से विश्वास जताया है कि आप इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुए निष्पक्ष जाँच कर आवश्यक एवं न्यायोचित कार्रवाई करेंगे, जिससे भविष्य में राजकीय महोत्सवों की गरिमा, पारदर्शिता एवं उद्देश्य सुरक्षित रह सकें।
गोपाष्टमी महोत्सव में अनियमितताओं को रोकने के लिए माया अध्यक्ष ने जिलाधिकारी से की हस्तक्षेप की मांग गोपाष्टमी महोत्सव में अनियमितताओं को रोकने के लिए माया अध्यक्ष ने जिलाधिकारी से की हस्तक्षेप की मांग Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 23, 2025 Rating: 5

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