लेफ्टिनेंट चंद्रमणि राज, श्री श्यामकांत साह (LIC एजेंट) के छोटे पुत्र हैं। उनकी माता नीलम कुमारी ने हर कदम पर उन्हें प्रोत्साहित किया। वहीं, उनके बड़े पिताजी श्री ब्रह्मदेव साह (पूर्व फ्लाइंग ऑफिसर, भारतीय वायुसेना) की देशसेवा की विरासत ने उन्हें सेना के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
उनकी शिक्षा की नींव सैनिक स्कूल, पुरुलिया में पड़ी, जहां उन्होंने वर्ष 2013 में छठी कक्षा से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई की। NDA में चयन का सफर आसान नहीं था। लगातार तीन बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में NDA परीक्षा में सफलता प्राप्त की। वर्ष 2021 में NDA उत्तीर्ण करने के बाद 2022 में प्रशिक्षण शुरू हुआ, जो दिसंबर 2024 में पूरा हुआ। इसके बाद जनवरी 2025 में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में प्रशिक्षण के लिए चयन हुआ और 13 दिसंबर 2025 को प्रशिक्षण पूर्ण कर उन्हें लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त हुआ।
उन्होंने खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में तीन वर्ष और इसके बाद सैन्य अकादमी में एक वर्ष का कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसने उन्हें एक सक्षम सैन्य नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार किया।
लेफ्टिनेंट चंद्रमणि राज की यह उपलब्धि यह संदेश देती है कि स्पष्ट लक्ष्य, अनुशासन और निरंतर परिश्रम के बल पर कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। मुरलीगंज जैसे छोटे क्षेत्र से निकलकर सेना में उच्च पद तक पहुँचना बिहार के हजारों नवयुवकों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करेगा।
उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा—
“अनुशासन और राष्ट्रसेवा की भावना ही एक सैनिक की असली पहचान होती है।”
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 22, 2025
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