मशाल जुलूस शाम 6 बजे कला भवन परिसर से शुरू होकर बस स्टैंड होते हुए भूपेंद्र चौक तक निकाला गया। इस दौरान कार्यपालक सहायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक उनकी 11 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कार्यपालक सहायकों का कहना है कि वे लंबे समय से वेतन और मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। उनका आरोप है कि चुनावी साल में सरकार ने संविदा पर काम करने वाले लगभग सभी कर्मियों के वेतन में डेढ़ से दो गुनी वृद्धि की है, मगर कार्यपालक सहायकों को इस लाभ से वंचित रखा गया है। इससे साफ झलकता है कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
संघ के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि पहले चरण में बुधवार को काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया गया। दूसरे चरण में शुक्रवार को मशाल जुलूस निकाला गया। आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों को अनदेखा करती रही, तो कार्यपालक सहायक उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। कार्यपालक सहायकों ने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में सेवा संवर्ग का गठन कर स्थायीकरण करना, राज्य कर्मी का दर्जा और वेतनमान प्रदान करना, पद की शैक्षणिक योग्यता को मैट्रिक से बढ़ाकर इंटरमीडिएट करना, तथा नियुक्ति की तिथि से ईपीएफ का आच्छादन लागू करना शामिल है। इसके अलावा भी कई अन्य लंबित मांगें हैं जिन पर सरकार को शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।
कार्यपालक सहायकों ने साफ कहा कि वे सरकार के सभी जनकल्याणकारी कामों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन उचित वेतनमान और अधिकार नहीं मिलने से उनका मनोबल टूट रहा है। यदि समय रहते उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा।

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