कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। वृंदावन से आए हुए मुख्य कथावाचिका देवी पूर्णिया गार्गी द्वारा 7 दिनों से भागवत पुराण की अमृतवाणी सुनाई गई जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, रासलीला और भक्तों के प्रति उनके स्नेह का अद्भुत वर्णन करते हुए श्रोताओं का मन मोह लिया। उनके भावपूर्ण और प्रभावशाली प्रवचन ने उपस्थित लोगों के हृदय को छू लिया और वे भावविभोर हो उठे। कथा स्थल पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं, पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे। आयोजन समिति द्वारा श्रद्धालुओं के लिए भजन-कीर्तन, आरती और भंडारे की व्यवस्था की गई थी। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
स्थानीय ग्रामीणों गांव के वरिष्ठ जनों और युवाओं ने इस धार्मिक आयोजन को सामाजिक एकता और संस्कार का प्रतीक और आध्यात्मिक जागरूकता का माध्यम बताया तथा भविष्य में इस भी ऐसे आयोजन को जारी रखने की बात कही.

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