यूपी के देवरिया जिले के सुदूर गांव में जन्मे महेंद्र यादव जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय से 2004 में अपने कार्य शुरू कर, जनता और विस्थापितों के आंदोलनों, सूचना अधिकार आंदोलनों में लगे रहे। वर्ष 2008 की कोशी त्रासदी के पीड़ितों के बीच कार्य करने मधेपुरा आए। जिला मुख्यालय से संपर्क कट चुके मुरलीगंज, बिहारीगंज के सुदूर गांवों में राहत और सरकारी राहत कार्य की निगरानी और जनदबाव में लगे रहे। यहां के लोगों को संगठित कर कोशी नव निर्माण मंच का गठन किया। कार्य के दौरान एक दिन सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए। महीनों तक पटना अस्पताल में पड़े रहने के बाद जब ठीक हुए तो कोशी और वहां के लोगों के लिए अपने को समर्पित कर दिया। कोशी पीड़ितों के पुनर्वास की आवाज को संगठन ने जोरदार तरीके से उठाया। सुपौल और कोशी तटबंध के भीतर के नजरंदाज कर दिए लोगों की आवाज वे और कोशी नव निर्माण मंच बना हुआ है। इनके विस्थापितों, नदी, पानी और पर्यावरण के लिए बेमिसाल कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है।
मुंबई में आयोजित पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में मुंबई के अनेक प्रबुद्ध और वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजीव साबडे, स्वागत सुनील तांबे संचालन सर्वोदयी जयंत दीवान ने की। वहीं संजीव चंदोकर, समाजवादी नेता मधुलिमए के पुत्र अनिरूद्ध, बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ झा, यूसुफ मेहर अली केंद्र से गुड्डी, घर बचाओ घर बनाओ आंदोलन की पूनम कन्नौजिया, संजीव तांबे के परिवार से उनकी बहन शर्मिला तांबे, सौमित्र तांबे, जवाहर नागौरी, इत्यादि उपस्थित रहे। पुरस्कार मिलने पर मुंबई की वरिष्ठतम समाजवादी डॉ जी जी पारीक, पर्यावरणविद मेधा पाटकर ने बधाई दी है।
वहीं कोशी नव निर्माण मंच के पूर्व परिषदीय अध्यक्ष और कांग्रेस नेता संदीप यादव, पत्रकार तुरबसु, कोशी नव निर्माण मंच के राजू भाई, शम्भू यादव, इशरत प्रवीण, मंटू, रमन जी, सतीश सुमन, शिवनंदन मुखिया, प्रभात, बिजेंद्र, लखन दास, अजय, चंद्रकिशोर, सुमन, विजय, शिशुपाल, रणवीर, इत्यादि कार्यकर्ताओं ने हर्ष व्यक्त किया है।

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