धरना को संबोधित करते हुए एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि छात्रावास को सरकार और सरकारी बाबू कैदखाना बना रखे हैं. समस्याओं पर सवाल करने पर संबंधित अधिकारी हॉस्टल से बाहर निकालने की धमकी देते है. साफ - सफाई , स्वच्छ पेयजल और शौचालय तक की बेहतर व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर अतिपिछड़ा वर्ग छात्रावास में स्थिति सबसे अधिक नारकीय है. यत्र -तत्र फर्श पर कीचड़ रहता है, कूडादान महीनों तक साफ नहीं किया जाता है, शौचालय और कचड़े के दुर्गंध के बीच छात्र रहने को मजबूर हैं. छात्रावास का पुस्तकालय केवल नाम के लिए है. उसमें पुस्तक नहीं है, कुर्सी - टेबल की व्यवस्था नहीं है. खेल सामग्रियां उपलब्ध नहीं है. वाई - फाई सुविधा तो लगाया गया है लेकिन रिचार्ज खत्म होने पर महीनों रिचार्ज नहीं होता है.
प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बिजली जाने पर जेनरेटर नहीं चलाया जाता है. पूछे जाने पर कल्याण पदाधिकारी द्वारा इमरजेंसी में चलाने और कम तेल देने की बात बताई जाती है. किसी भी छात्रावास का अपना परिसर और बाउंड्री नहीं है, सीसीटीवी की स्थिति सही नहीं है. अतिपिछड़ा वर्ग छात्रावास में चोरी होना आम बात हो गई है. जनता के पैसे का बंदरबाट हो रहा है और छात्र बेहाल है. उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ इस प्रकार के शोषण, दमन और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
वहीं जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने कहा कि छात्रावास के चारों तरफ जंगल बना हुआ है, उनकी साफ-सफाई नहीं होती है. मच्छर, सांप - कीड़ा के वजह से अनहोनी की आशंका रहती है. जिला महासचिव नवीन कुमार ने कहा कि छात्रावासों में नामांकन के लिए आवेदन करने की सूचना समाचार पत्रों में नहीं डाला जाता है जिस कारण छात्र आवेदन करने से भी वंचित रह जाते है.
मौके पर विश्वविद्यालय सचिव लालबहादुर, प्रखंड संयोजक रणधीर कुमार, संतन कुमार, उमेश कुमार, ऋषि कुमार, सुशील कुमार, अमरजीत कुमार, श्रवण कुमार, साजन कुमार, मनीष कुमार, सोनू कुमार, रविशंकर कुमार, चंदन राय, धीरेंद्र राम, रणजीत कुमार, मनखुश कुमार, भूषण कुमार, नीतीश कुमार, रंजीतबकुमार, रणविजय कुमार, कुंदन कुमार समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे.

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