'मन मंदिर में परम परमेश्वर का स्मरण कर सकते हैं': भतखोडा में श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा दिन

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत भतखोडा पंचायत के जीतापुर NH 107 पर सड़क के उत्तर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए कथा वाचिका देवी राधा किशोरी जी ने भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भक्ति के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती, इसे किसी भी अवस्था में किया जा सकता है।

इस अवसर पर उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण के महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया। सुखदेव जी की कथा सुनाते हुए उन्होंने बताया कि सुखदेव जी ने अपनी माता के गर्भ को ही मंदिर बना लिया था और बाहर आने से मना कर दिया था। जब भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे बाहर न आने का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि संसार की माया के प्रभाव से वे भक्ति मार्ग से भटक सकते हैं।

उन्होंने बताया कि श्रीमद भागवत कथा सभी वेदों का सार है. इसे सुनने से मनुष्य तृप्त होता है और जन्म जन्मांतर के पाप से मुक्त हो जाता है. साथ ही कथा सुनने या किसी भी शुभ काम को करवाने या करने के पीछे का उद्देश्य परम लक्ष्य की प्राप्ति ही होता है. वह कहते हैं कि कथा आयोजन स्थल में प्रवेश करने से पहले सांसारिक जीवन के दुख तकलीफों को भूलकर उस परम परमेश्वर ईश्वर का चिंतन मनन करना जरूरी है और घर से जिस उद्देश्य को लेकर कथा सुनने आते हैं, उसे पूरा जरूर करना चाहिए.

कलयुग में केवल प्रभु स्मरण से उद्धार

कलयुग केवक नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा’, इसका मतलब है कि कलयुग में केवल प्रभु का स्मरण ही भव से पार किए जाने का एकमात्र आधार है. यदि आपके पास एक स्थान पर बैठकर प्रभु का नाम लेने का समय नहीं है, तो आप चलते फिरते भी अपने मन मंदिर में परम परमेश्वर का स्मरण कर सकते हैं. ऐसा करने पर भी आपको भागवत कथा श्रवण का पुण्य फल प्राप्त होगा.

इस कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं और धार्मिक वातावरण में डूबकर कथा का आनंद ले रहे हैं। आयोजकों ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, जिससे वे सहज रूप से कथा का श्रवण कर सकें।

'मन मंदिर में परम परमेश्वर का स्मरण कर सकते हैं': भतखोडा में श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा दिन 'मन मंदिर में परम परमेश्वर का स्मरण कर सकते हैं': भतखोडा में श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा दिन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 01, 2025 Rating: 5

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