रैली में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं ने "एड्स को हराओ, सुरक्षा अपनाओ" और "शारीरिक स्वच्छता, जीवन के लिए ज़रूरी" जैसे नारों के साथ अपनी आवाज़ बुलंद की. रैली के दौरान छात्र-छात्राओं के हाथों में पोस्टर और बैनर थे, जिन पर एड्स से संबंधित जानकारी, जैसे- "एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक संबंध स्थापित न करें", "नशे के सेवन से बचें" और "स्वास्थ्य की देखभाल से बचाव संभव है" जैसे संदेश थे. रैली के साथ-साथ, रूट पर स्थित दुकानों और बस स्टॉप्स पर भी संस्थान के छात्रों ने लोगों को एड्स के बारे में जागरूक किया और उचित जानकारी दी.
इस अवसर पर अध्यापिका निशा कुमारी ने बताया कि रैली के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने समाज में एड्स के बारे में फैली गलत धारणाओं को दूर करने का प्रयास किया. बहुत से लोग अब भी यह मानते हैं कि एचआईवी केवल संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक संबंधों के माध्यम से ही फैलता है, जबकि यह वायरस खून, शारीरिक तरल पदार्थों, और संक्रमित सुइयों के माध्यम से भी फैल सकता है. इसके अलावा, रैली में यह संदेश भी दिया गया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का साथ देना और उनकी मदद करना भी जरूरी है, क्योंकि यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है, और इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है.
संस्थान के समन्वक पवन कुमार एवं प्राचार्य सुरेंद्र नकेला ने इस रैली का नेतृत्व किया और इस तरह के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “एड्स दिवस के मौके पर जागरूकता फैलाना हमारे समाज की जिम्मेदारी है. इस बीमारी को लेकर समाज में जो भ्रांतियाँ फैली हैं, उन्हें दूर करने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है. कृष्णा इंस्टिट्यूट हमेशा अपने छात्रों को समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है.
इस अवसर पर संस्थान के प्रिंसिपल और नर्सिंग विभाग के प्रमुख भी उपस्थित रहे. उन्होंने रैली में भाग लेने वाले छात्रों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल शिक्षा के महत्व को दर्शाते हैं, बल्कि यह हमारे छात्रों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास भी कराते हैं.
रैली के अंत में, छात्रों ने शहर के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में एड्स पर आधारित जानकारी वाले पोस्टर्स और फ्लायर्स भी वितरित किए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बीमारी के बारे में सचेत किया जा सके. इस जागरूकता अभियान ने न सिर्फ संस्थान के छात्रों को, बल्कि पूरे समुदाय को भी एड्स के प्रति सचेत करने का महत्वपूर्ण कार्य किया.
इस तरह के आयोजन समाज में न केवल शिक्षा का प्रचार करते हैं, बल्कि लोगों को एकजुट करने और समाज में स्वास्थ्य से जुड़ी सही जानकारी फैलाने में भी मदद करते हैं.
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