व्यापारियों का कहना है कि ओवर ब्रिज निर्माण कंपनी अंचल अमीन के द्वारा बिना किसी सूचना या नोटिस के मकान पर चिन्ह लगा दिया है और कहा जा रहा है कि यह चिन्ह सरकारी जमीन पर लगाया गया है. 1902 के नक्शा के हिसाब से नापी की जा रही और कहा जा रहा है कि निजी जमीन भी सरकारी है. जबकि जमीन हाल सर्वे के आधार पर एवं 1962 के नक्से से खरीद बिक्री की गई है, और जबकि जमीन का दाखिल खारिज भी हाल सर्वे खतियान के आधार पर ही किया जा रहा है और नगर परिषद से बजाप्ता नक्शा पास करके मकान भी बनाया गया है. 1902 के नक्सा से लेना कहीं से उचित नहीं है.
इस अवसर पर आंदोलनकारी के समर्थन में साकार यादव भी आए. उन्होंने आंदोलनकारी को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार मधेपुरा के व्यवसायियों के साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि रेल ढाला संख्या 90 बी पर ओवर ब्रिज निर्माण की आवश्यकता नहीं है. पहले से पतरघट रोड को जोड़ने के लिए एन एच 107 पर ओवर ब्रिज का निर्माण हो रहा है जो कॉमर्स कॉलेज के पास अवस्थित है, तो फिर यहां ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय समझ में नहीं आ रहा. यहां ओवर ब्रिज बनने से सुखासन रोड, स्टेशन रोड, कर्पूरी चौक एवं बायपास रोड के व्यवसायी उजड़ जाएंगे.
![रेल ओवर ब्रिज के निर्माण के विरोध में व्यापारियों ने रखी अपनी दुकानों को बंद](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj8Q0oeOxwwnDXNrWBL7sJYwpYA4xX-hFv0Mt1Q013bTpWSOweeU5TRuBXuMjuTYv-1ZYFbLxs7ryyDpeBUwHnFjuivQxaFhv7rUqzNqSxYXmdvT8oHxxBsWePEyXJ3TxdRjuIvbSJW2tPGrTxGVu7Ve0ETm2Eh7mUQsMedw4wQal-3olEoZE2M3LRIL-U/s72-c/WhatsApp%20Image%202024-03-02%20at%207.51.20%20PM.jpeg)
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