प्रथम साहित्यिक महायज्ञ की अध्यक्षता डॉo भूपेंद्र नाo मधेपुरी ने की. मुख्य अतिथि डॉo बी. एन. विवेका, विशिष्ट अतिथि डॉo विनय कुo चौधरी थे. कृतोदय काव्य कलश की संस्थापिका डॉo परमज्योत सिंह वेदी "येशु" ने अपनी साहित्यिक यात्रा के अनेकों प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि कविता का राग और छंद में होना आवश्यक है. इसलिए उन्होंने कहा कि मैं अपने दो कृतिशेष भाईयों को याद कर, सिंहावलोकन करते हुए छंदों को प्रत्येक युवाओं के कंठ तक साहित्यिक अमृत कलश को पहुँचाना चाहती हूँ. इसलिए एक युवा कवि को पुरस्कृत व एक वरिष्ठ कवि को प्रतिवर्ष सम्मानित करने के लिए इस संस्थान की स्थापना की है. जिससे मातृभाषा का संवर्धन हो. आपको बताते चलूं कि कृत राज (किट्टू) ने देश और समाज हित के अनेकों कार्य किए. पर्यावरण संरक्षण हेतु कई संस्थानों में पेड़-पौधे लगाए और दूसरे भाई श्री श्री उदयानंद जी महाराज के देश, धर्म और समाज के कल्याण में किए गए योगदान को याद रखने के लिये डॉo परमज्योत सिंह वेदी "येशु" ने नव सृजित कृतोदय साहित्य कलश की.
इस काव्यगोष्ठी का मंच संचालन विभीषण कुमार ने किया. लोहड़ी के अवसर पर प्रोo सचिन्द्र महतो, डॉo सीताराम मयंक, सिधेश्वर कश्यप, डॉo आलोक कुमार, डॉo शशि, युवा कवि डॉo प्रमोद कुमार सूरज द्वारा काव्य पाठ किया गया. कोशी क्षेत्र के लगभग सभी कवियों ने अपनी उपस्थिति दी. जिसके स्वागत कर्ता गोपाल मुखिया थे और कई गणमान्य जन उपस्थित थे.

No comments: