गरीबों की सहायता करने से सुकून मिलता है : डॉ. मधेपुरी

समाजसेवी, साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी मृत्युभोज को नकारते हुए गरीबों की सहायता करने में आंतरिक सुख एवं सुकून महसूसते रहे हैं. 

डॉ. मधेपुरी 1997 ई. से लगातार यह कार्यक्रम एक अभियान के तौर पर चला रहे हैं. अपने माता-पिता, भाई व भाभी की मृत्यु उपरांत भोज न करके वे गरीबों के बीच प्रतिवर्ष मकर संक्रान्ति के आसपास भीषण ठंड में कंबल बांटते आ रहे हैं. उनका कहना है कि अंधविश्वास मिटाए बिना समाज का कल्याण संभव नहीं है. मृत्युभोज एक कुरीति है तथा मानवता पर एक कलंक है. 

इस वर्ष भी मकर संक्रान्ति के दौरान डॉ. मधेपुरी ने निर्धन विधवा महिलाओं, कैंसर पीड़ितों, विकलांगों एवं परित्यक्ताओं व अन्य के बीच इस कड़ाके की ठंड में आजाद नगर स्थित निज आवास 'वृंदावन' पर मुक्तहस्त से दिन भर कंबल का वितरण किया.

(नि. सं.)

गरीबों की सहायता करने से सुकून मिलता है : डॉ. मधेपुरी गरीबों की सहायता करने से सुकून मिलता है : डॉ. मधेपुरी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 16, 2024 Rating: 5

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