परिजनों के मुताबिक मुखाग्नि भी देने नहीं दिया. जबरन पुलिस शव को जलाकर बैरंग वापस लौट गया. हालांकि यह पुलिस की यह अमानवीय करतूत अब तूल पकड़ने लगा है. विभिन्न दलों के अलावे भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं और सरकार से उच्चस्तरीय जांच कर पुलिस पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं. वहीं इस मामले को लेकर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव भी मुरलीगंज पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है.
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि रात के अंधेरे में पुलिस को शव जलाने की अधिकार किसने दिया, किस कानून के तहत ऐसा किया? उन्होंने कहा कि घटना से पूर्व कई बार पुलिस को सूचना दिया गया कि हमे जान से मारने की साजिश रची जा रही है और बाद जान से मार भी दिया गया लेकिन इस दिशा में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं की, उन्होंने कहा कि हमने मधेपुरा एसपी को साफ साफ कहा है कि ऐसे पुलिस अधिकारी और कर्मी को तत्काल सस्पेंड किया जाय और जांच कर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाय. साथ हमने इस मामले को लेकर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार को भी पत्र लिखकर जानकारी साझा किया है और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषी पर सख्त कार्रवाई की मांग भी किए हैं. वहीं मृतक परिजन खुद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम के बाद मुरलीगंज पुलिस बिना मुखाग्नि दिए हीं खुद शव को जला दिया. परिजनों ने पुलिस से गुहार भी लगाया कि शव को सुबह जलाया जाएगा लेकिन पुलिस ने मृतक परिजन का एक नहीं सुना. आप रात के अंधेरे वाली फुटेज को देखकर खुद अंदाजा लगा सकते है मुरलीगंज पुलिस की कार्यशैली क्या है .फुटेज में साफ साफ सुनाई दे रहा है कि पुलिस जबरन परिजन को शव के पास से हटकर शव जलाने का प्रयास कर रहे हैं.
वहीं इस मामले में मधेपुरा एसडीपीओ से जब सवाल किया गया तो एसडीपीओ अजय नारायण यादव ने पुलिस पर लगे सभी आरोप को सिरे से खारिज कर दिया.
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