मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड के भागीपुर के मूल निवासी डॉ. प्रत्यय अमृत के पिता सुरेन्द्र प्रसाद यादव पुरैनी प्रखंड में जनसेवक हैं, जबकि माता मीरा देवी गृहणी. डॉ. प्रत्यय की धर्मपत्नी डॉ. ज्योति की भी उपलब्धियाँ कम नहीं रही हैं और वो वर्तमान में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में बतौर राजभाषा पदाधिकारी पदस्थापित हैं.
डॉ. प्रत्यय अमृत की इससे पहले की उपलब्धियाँ भी हैरान करने वाली रही हैं. पटना के साइंस कॉलेज के छात्र रहे प्रत्यय अमृत की रुचि जब हिन्दी में बढ़ी तो इन्होंने दिल्ली का रूख किया और दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ से हिन्दी में बी० ए० ऑनर्स और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से ही एम० ए० किया. यहाँ सबसे खास बात ये रही कि इन्होंने न सिर्फ इन परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी प्राप्त किया, बल्कि इस दौरान 2005 से 2010 तक इन्हें टॉपर भी होने का गौरव प्राप्त हुआ. यही नहीं, ये हर वर्ष ‘एकेडमिक अवार्ड्स फॉर एक्सेलेंस’ से भी नवाजे गए.
‘कला की सामाजिकता की अवधारणा तथा नामवर सिंह की आलोचना दृष्टि’ विषय से एम० फ़िल० कर चुके प्रत्यय अमृत ने जब यूजीसी की नेट परीक्षा पास की थी तो रैंकर होने के कारण इन्हें पांच साल के लिए जेआरएफ देने के लिए भी चुना गया था. कई पत्रिकाओं के लिए कविताऐं, समसामयिक घटनाओं पर आलोचना लिखने के दौरान जब प्रत्यय की मुलाक़ात नामवर सिंह, पुरुषोत्तम अग्रवाल, मैनेजर पाण्डेय आदि से हुई तो आलोचना लिखने के क्षेत्र में इनका अनुभव और भी बढ़ता गया.
वर्ष 2016 में डॉ. प्रत्यय अमृत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड कॉमर्स के हिंदी विभाग में तदर्थ प्राध्यापक के रूप में अपना योगदान दिया और अब इनका चयन दिल्ली विश्वविद्यालय के अतिप्रतिष्ठित भारती कॉलेज में सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में हुआ है. डॉ. प्रत्यय अमृत अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, पत्नी डॉ. ज्योति, बेटी इरा और छोटे भाई शिक्षक हर्ष प्रवेश को देते हैं. वहीँ उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें जानने वालों के बीच अत्यंत हर्ष का माहौल है.
इस शानदार उपलब्धि के लिए डॉ. प्रत्यय अमृत को मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से असीम शुभकामनाएं.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 30, 2023
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