बाबा सिंहेश्वर नाथ के बारात के लौटते ही बाबा मंदिर के चारों तरफ श्रृद्धालुओं ने विश्राम के लिए अपनी अपनी जगह पकड़ लिया। जिसके कारण मंदिर परिसर में तिल रखने की जगह नहीं थी। श्रद्धालुओं की भीड़ का आलम यह था की मंदिर परिसर के सभी धर्मशाला, उसका आंगन और छत श्रद्धालुओं से पटा हुआ था। वहीं बाबा सिंहेश्वर धाम के ठाकुरबाड़ी और ठहराव स्थल पूरी तरह भरे हुए थे। जगह नहीं मिलने के कारण श्रद्धालुओं ने बाजार की दुकानों के आगे खाली बारामदे पर रात बिताई। इसके बाद सुबह 2 बजे जलढरी की पूजा होने के बाद बाबा सिंहेश्वर नाथ का पट खुलते ही बाबा के जयकारे के साथ ही श्रद्धालुओं का हुजूम जलाभिषेक के लिए मंदिर में लगे अरघा में जलाभिषेक करने लगे। सुबह 8 बजे तक भीड़ को संभालने के लिए मंदिर प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ा। वहीं उसके बाद भी श्रद्धालुओं की कतार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन थी मुश्तैद
महाशिवरात्रि के अवसर पर होने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन पहले से ही मुश्तैद थी । रात में ही एसडीओ नीरज कुमार ने मंदिर पहुच कर विधि व्यवस्था को नियंत्रण में ले लिया। वहीं डीएम श्याम बिहारी मीणा और एसपी राजेश कुमार ने मंदिर के चप्पे-चप्पे पर मजिस्ट्रेट, महिला और पुरुष पुलिस बल तैनात कर दिए थे। वहीं महाशिवरात्रि के दिन एसपी राजेश कुमार ने विधि व्यवस्था का जायजा लेते हुए कई आवश्यक निर्देश भी दिया। मौके पर डीडीसी नीतीन कुमार, एसडीपीओ अजय नारायण यादव, बीडीओ आशुतोष कुमार, सीओ आदर्श गौतम, थानाध्यक्ष अरूण कुमार, मेला थानाध्यक्ष बबलु कुमार, पुष्पेंद्र कुमार पप्पू, लालसाबा सदस्य विजय कुमार सिंह, मदन मोहन सिंह, प्रबंधक अभिषेक आनंद, मनोज ठाकुर, धर्मशाला प्रभारी अमरनाथ ठाकुर मौजूद थे।
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