वहीं संघ के बैठक में कहा गया कि जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा पूर्व में जारी आदेश के अंतर्गत तय किए गए यूरिया , डीएपी की बिक्री करना हम लोगों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है । अगर हमें कमीशन नहीं दी गई तो हम इस कीमत पर उर्वरक नहीं बेच पाएंगे । जब तक बिक्री जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा आदेश अनुसार तभी कर पाएंगे जब हमें मार्जिन मिलेगी. इसलिए सरकार से निवेदन करते हैं कि खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हमें पीडीएस दुकानदारों की तरह 8% कमीशन के साथ हमारे दुकान तक उर्वरक उपलब्ध कराया जाए ताकि हम लोग उचित मूल्य पर किसानों को उर्वरक दे सकें। इस मौके पर रतन अग्रवाल, जयप्रकाश मेहता,संजीव अग्रवाल, आदेश सिंह, पंकज कुमार, रामानन्द भगत,दिनेश शर्मा सैकड़ो खुदरा उर्वरक विक्रेता उपस्थित हुए।
मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड परिसर कृषि भवन में उर्वरक विक्रेता संघ के प्रखंड अध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद यादव की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने कहा कि एमआरपी से अधिक उन्हें रैक पॉइंट से गोदाम तक ले जाने में खर्च जोड़कर पड़ जाता है। साथ ही उर्वरक वितरण करने में काफी राशि की आवश्यकता होती है एवं वितरण व्यवस्था हेतु कर्मचारी भी है ,मकान, भाड़ा ,लागत पूँजी, बैंक ब्याज आदि का वहन करना पड़ता है। जिससे उचित मूल्य पर बेचना घाटे से कम नहीं है। एमआरपी पर उर्वरक बेचने से असमर्थ उर्वरक विक्रेता संघ ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। संघ का कहना है कि आए दिन तेजी से बढ़ रही डीजल की कीमतों के बीच ढुलाई खर्च से लेकर वाहन अधिकतम खुदरा मूल्य पर उर्वरक बेचने में असमर्थ हैं ।
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