इस घटना को सुनकर आसपास के लोगों में मातम छा गया। पत्नी माला देवी का रो रो कर बुरा हाल था। मनोज को दो बेटा और एक बेटी था। सबसे बड़ा बेटा 10 वर्षीय हन्नी, सन्नी और बेटी सुहानी ने रो रोकर बोल रहे थे कि पापा आप हम सभी को छोडकर कहाँ चले गए। लोगों ने बताया कि मनोज अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूसरे प्रदेश में रहता था। जहां लाकडाउन लग जाने के कारण अपने घर आ गया था। लोगों ने बताया कि मनोज एक अच्छे विचार के व्यक्ति थे।
मौके पर वार्ड सदस्य रामा शंकर साह के द्वारा मृतक के पुत्र को 3000 रुपये तथा पंचायत की मुखिया किरण देवी के द्वारा मृतक पुत्र को 2000 रुपये दिए गए.

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