'बिहार में यूपी मॉडल हो लागू': लॉकडाउन में सभी दुकानों और वाहन पर पूरी तरह रोक लगे

Photo: Johnson Das
बिहार में लगातार कोरोना के आंकड़े को देखते हुए 31 जुलाई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन करने के चर्चा पर जिले के सैंकड़ों बुद्धिजीवीयों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जनहित में 31 जुलाई तक लॉकडाउन में जरूरत के सामानों के लिए लोगों को पांव पैदल घर से निकलने की इजाजत दे और दुकान तथा वाहनों पर पूरी तरह पाबंदी लगाया जाय. 

साथ ही इस को कड़ाई से पालन करवाने के लिए उत्तर प्रदेश मॉडल को लाने की जरूरत है. राज्य सरकार डीएम और एसपी को आदेश दें कि पूर्ण बंदी करते हुए आम लोगों को जरूरत का सामान जैसे दूध, फल, दवा और सब्जी के अलावे अन्य जरूरत की साम्रगी को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन व्यवस्था करे.

मालूम हो कि जिले मे कोरोना संक्रमित को बढ़ते देख कर जिले के व्यापार संघ, केमिस्ट एण्ड ड्रग्स एसोसिएशन और स्वर्ण व्यवसायिक संघ ने जिला प्रशासन से एक सप्ताह तक लॉकडाउन लागू करने की मांग की थी. मांग पर डीएम ने 10 से 16 जुलाई तक लॉकडाउन लागू कर दिया लेकिन लॉकडाउन के पांच दिन बीतने के बाद भी लॉकडाउन एक मजाक बन गया है. लॉकडाउन को शत प्रतिशत लागू करवाने के लिए शहर में पुलिस बल को तैनात किया गया लेकिन पुलिस सिर्फ औपचारिकता पूरी करते हुए चौक चौराहे पर कुर्सी पर आराम फरमाते दिखे लेकिन प्रेस वाले को देखकर अपने कर्तव्य निर्वाह करने का कथित नाटक करते हुए सड़क पर आ कर राहगीर पर दबिश दिखाते हैं. प्रेस वालों के जाते के साथ ही फिर कुर्सी पर आराम फरमाने चले जाते हैं. कॉलेज चौक पर राहगीर की नजर पड़ी तो देखा कि कोरोना काल में तैनात दो महिला पुलिस ड्यूटी पर तैनात ड्यूटी को छोड़ कर कपड़े सिलाई कर रही थी और तैनात पुलिस पदाधिकारी कुर्सी तोड़ रहे थे.

कमोबेश शहर के सभी वार्ड में कोरोना ने दस्तक दे दी है. शहर वासियों में दहशत का माहौल है. ऐसे में सभी वार्ड के लोगों को मास्क और समाजिक दूरी का पालन हर हाल में जरूरी है. घर से निकलने वाले लोग बेपरवाह हैं, लगता है कि वे लॉकडाउन से अंजान हैं, न मास्क लगाते हैं और न ही समाजिक सरोकार से उन्हें कोई मतलब है.

शहर में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए एक दर्जन महिला पुलिस पदाधिकारी और कुछ कमांडो दस्ता को तैनात किया गया है. महिला पुलिस बिना मास्क पहने लोगों को रोकने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में कितनी कारगर होगी यह सोचने का विषय है. कोरोना काल में लॉकडाउन को सख्ती से पालन कराने के लिए प्रशासन को कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है.

आज जरूरत है कोरोना से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश के तर्ज पर बिहार में भी सम्पूर्ण लॉकडाउन में जिला प्रशासन ऑफिस से लेकर सभी दुकान को पूरी तरह बंद  कर दे. शहर वासियों को जरूरत के समान दूध, सब्जी, फल, सहित अन्य समानो को पहुंचाने की व्यवस्था करे. साथ ही शहर में पुलिसिया कार्रवाई तेज करे तो काफी हद तक लॉकडाउन के असफल होने पर अंकुश लगेगा.

'बिहार में यूपी मॉडल हो लागू': लॉकडाउन में सभी दुकानों और वाहन पर पूरी तरह रोक लगे 'बिहार में यूपी मॉडल हो लागू': लॉकडाउन में सभी दुकानों और वाहन पर पूरी तरह रोक लगे Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 14, 2020 Rating: 5

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