

लोग अपने और अपने मवेशी की जान बचाने के लिए ऊंचे स्थान की तरफ निकल पड़े है.
मालूम हो कि चौसा प्रखंड के फुलौत पश्चिमी और पूर्वी लौआलगान पश्चिमी वो पूर्वी मोरसंडा, चिरौरी, पैना, चौसा पश्चिमी के दर्जनों गाँव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है वहीं मवेशी के चारे नही मिलने से लोग अपने और मवेशी को ऊँचे स्थान पर ले जा रहे है. लोग ये भी कहते है कि एक तो कोरोना से अभी तक उबरे भी नहीं हैं और ऊपर से मूलाधार बारिश तथा बाढ़ की समस्या सामने आ गई है.
सरकारी तौर पर अभी तक कोई अधिकारी सुधि लेने नहीं आया है.
वहीं अंचल अधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि प्रखंड के कई पंचायतों के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी आ चुका है लेकिन किसी के घर के घर में नहीं गया है. लोगों को आने-जाने के लिए नाव की व्यवस्था की गई है. सरकारी स्तर से नॉव चलाया जा चुका है. जिसकी जानकारी जिला पदाधिकारी तक भेजी जा चुकी है, वहां से जैसा निर्देश मिलेगा वह किया जाएगा.
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव का मौसम आते ही दर्जनों नेता प्रतिनिधि आते हैं और बहुत लुभावने वादे करके चले जाते हैं और अभी इस दुख की घड़ी में कोई नहीं आता है. दुःख की बात यह है कि वर्तमान मुखिया, सरपंच, सदस्य कोई अभी तक हाल चाल पूछने तक नहीं आए हैं.

जिले के चौसा प्रखंड के 9 पंचायत में भी बाढ़ का असर, जनजीवन अस्तव्यस्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 16, 2020
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