मधेपुरा /चौसा | किसानों की कमर तो आंधी तूफान ने तोड़ ही डाला था और अब मक्के की सही कीमत नही मिलने से किसानों को काफी निराश किया है।
मालूम हो को आंधी तूफान ने किसानों के सैकड़ो एकड़ में लगे मक्के फसल को बर्बाद कर दिया था। वही कुछ बचे हुए मक्के की फसल जब तैयार किया गया तो बाजार में उसके सही मूल्य नही मिलने से किसान बेहाल हैं ।
कुछ किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर खेती किए थे ।अब कर्ज के साथ ब्याज चुकाना मुश्किल हो गया है। वही कुछ किसानों का कहना है कि इस दफा मकई बेच कर बेटी की शादी करने की सोचे थे लेकिन सपना अधूरा रह गया। किसानों का कहना था कि पिछले वर्ष मकई का मूल्य अठारह सौ से दो हजार तक था लेकिन अभी व्यापारी नौ सौ से हजार रुपये में मकई खरीदने को तैयार है और रुपया भी लॉकडॉउन के बाद देने की बात करते हैं।
उधर सरकार आंधी तूफान में बर्बाद फसल के एवज में मामूली सी रकम पाँच हजार चार सौ रुपये एकड़ की दर से क्षति पूर्ति के नाम पर देने की बात कही है जो ऊंट के मुंह मे जीरा का फोरन साबित हो रही है.
किसान अपनी बेबसी पर सिर्फ इतना ही कह रहे थे कि कैसे पूरे होंगे किसान के सपने? जब खेती करने का समय आता है तो बीज महंगा, खाद महंगा और किसान के अनाज कौड़ी के भाव. सरकार को चाहिए कि किसान के अनाज के उचित दाम मिले।
मालूम हो को आंधी तूफान ने किसानों के सैकड़ो एकड़ में लगे मक्के फसल को बर्बाद कर दिया था। वही कुछ बचे हुए मक्के की फसल जब तैयार किया गया तो बाजार में उसके सही मूल्य नही मिलने से किसान बेहाल हैं ।
कुछ किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर खेती किए थे ।अब कर्ज के साथ ब्याज चुकाना मुश्किल हो गया है। वही कुछ किसानों का कहना है कि इस दफा मकई बेच कर बेटी की शादी करने की सोचे थे लेकिन सपना अधूरा रह गया। किसानों का कहना था कि पिछले वर्ष मकई का मूल्य अठारह सौ से दो हजार तक था लेकिन अभी व्यापारी नौ सौ से हजार रुपये में मकई खरीदने को तैयार है और रुपया भी लॉकडॉउन के बाद देने की बात करते हैं।
उधर सरकार आंधी तूफान में बर्बाद फसल के एवज में मामूली सी रकम पाँच हजार चार सौ रुपये एकड़ की दर से क्षति पूर्ति के नाम पर देने की बात कही है जो ऊंट के मुंह मे जीरा का फोरन साबित हो रही है.
किसान अपनी बेबसी पर सिर्फ इतना ही कह रहे थे कि कैसे पूरे होंगे किसान के सपने? जब खेती करने का समय आता है तो बीज महंगा, खाद महंगा और किसान के अनाज कौड़ी के भाव. सरकार को चाहिए कि किसान के अनाज के उचित दाम मिले।
मक्के की सही कीमत नही मिलने से बेहाल किसान, कैसे पूरे होंगे अरमान?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 18, 2020
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