देश-दुनिया में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है और खासकर गरीब और मजदूर तबकों में त्राहिमाम की स्थिति है. लोग कह रहे हैं कि अमीरों के द्वारा लाई बीमारी अब ग़रीबों के लिए शामत बनकर आई है.
सड़कों पर परिवार समेत बिलखते मजदूरों को देखकर किसी भी संवेदनशील इंसान का ह्रदय पसीजना स्वाभाविक है.
दुनिया भर में करीब 45 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं तो मौत का आंकड़ा भी तीन लाख को पार कर चुका है. भारत में 82 हजार से अधिक लोग अबतक इसके शिकार हो चुके हैं तो मौत का आंकड़ा भी 2650 के आसपास है. बिहार की बात करें तो यहाँ भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या आज हजार के पार हो चुकी है और सात लोगों की अबतक मौत हो चुकी है.
समाचार लिखने तक बिहार में कुल 1018 मामले दर्ज हो चुके हैं. कोसी के तीनों जिलों में भी कोरोना अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है और बाहर से आने वाले मजदूर तथा छात्रों का आना अभी लगातार जारी है और यह आंकड़ा कहाँ जाकर थमेगा, कहना आसान नहीं है. कोसी के तीनों जिलों में अब तक कोरोना पॉजिटिव के 28 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें सहरसा में दस और मधेपुरा तथा सुपौल में नौ-नौ मामले दर्ज हो चुके हैं. इनमें से अधिकांश मामले प्रवासी से जुड़े हैं.
जहाँ तक लॉकडाउन के पालन की बात है तो लॉकडाउन-3 अब दो दिनों में समाप्त होने जा रहा है और संकेत के अनुसार लॉकडाउन-4 नए रंग-रूप का होगा तो जाहिर है लोगों को कोरोना से बचते-बचाते लेकिन इसके साथ ही आगे बढ़ना होगा. अभी भी सड़कों पर जरूरतमंदों की भीड़ को अक्सर नियंत्रित करना मुश्किल सा लगता है. बाहर से आ रहे लोगों के अलावे बैंकों में लोगों की भीड़ देखकर लोग सहम से जाते हैं.
पर कोसी में एक सुकून देने वाली बात यह भी है कि यहाँ जो भी मरीज मिले हैं उनके बाहरी सूत्रों की जानकारी प्राप्त है. अधिकांश मरीज वैसे ही हैं जो बाहर से आये और क्वारंटाइन सेंटर में ही रहे और वहीँ से उनके सैम्पल भेजे गए थे. वे अपने गंतव्य स्थानों तक नहीं गए थे जिससे उनके इलाके में इसका भय अपेक्षाकृत कम है.
पर लोगों को इसकी भयावहता को खुद समझनी होगी और सरकार को इनके लिए ठोस व बेहतर व्यवस्था सुनिशिचित करनी होगी, वर्ना स्थिति और बिगड़ते देर नहीं लग सकती है.
(वि. सं.)
सड़कों पर परिवार समेत बिलखते मजदूरों को देखकर किसी भी संवेदनशील इंसान का ह्रदय पसीजना स्वाभाविक है.
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Photo: Ahad Raja |
दुनिया भर में करीब 45 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं तो मौत का आंकड़ा भी तीन लाख को पार कर चुका है. भारत में 82 हजार से अधिक लोग अबतक इसके शिकार हो चुके हैं तो मौत का आंकड़ा भी 2650 के आसपास है. बिहार की बात करें तो यहाँ भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या आज हजार के पार हो चुकी है और सात लोगों की अबतक मौत हो चुकी है.
समाचार लिखने तक बिहार में कुल 1018 मामले दर्ज हो चुके हैं. कोसी के तीनों जिलों में भी कोरोना अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है और बाहर से आने वाले मजदूर तथा छात्रों का आना अभी लगातार जारी है और यह आंकड़ा कहाँ जाकर थमेगा, कहना आसान नहीं है. कोसी के तीनों जिलों में अब तक कोरोना पॉजिटिव के 28 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें सहरसा में दस और मधेपुरा तथा सुपौल में नौ-नौ मामले दर्ज हो चुके हैं. इनमें से अधिकांश मामले प्रवासी से जुड़े हैं.
जहाँ तक लॉकडाउन के पालन की बात है तो लॉकडाउन-3 अब दो दिनों में समाप्त होने जा रहा है और संकेत के अनुसार लॉकडाउन-4 नए रंग-रूप का होगा तो जाहिर है लोगों को कोरोना से बचते-बचाते लेकिन इसके साथ ही आगे बढ़ना होगा. अभी भी सड़कों पर जरूरतमंदों की भीड़ को अक्सर नियंत्रित करना मुश्किल सा लगता है. बाहर से आ रहे लोगों के अलावे बैंकों में लोगों की भीड़ देखकर लोग सहम से जाते हैं.
पर कोसी में एक सुकून देने वाली बात यह भी है कि यहाँ जो भी मरीज मिले हैं उनके बाहरी सूत्रों की जानकारी प्राप्त है. अधिकांश मरीज वैसे ही हैं जो बाहर से आये और क्वारंटाइन सेंटर में ही रहे और वहीँ से उनके सैम्पल भेजे गए थे. वे अपने गंतव्य स्थानों तक नहीं गए थे जिससे उनके इलाके में इसका भय अपेक्षाकृत कम है.
पर लोगों को इसकी भयावहता को खुद समझनी होगी और सरकार को इनके लिए ठोस व बेहतर व्यवस्था सुनिशिचित करनी होगी, वर्ना स्थिति और बिगड़ते देर नहीं लग सकती है.
(वि. सं.)
कोरोना का कहर: सूबे में आंकड़ा हजार के पार, क्या है कोसी में स्थिति?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 15, 2020
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![कोरोना का कहर: सूबे में आंकड़ा हजार के पार, क्या है कोसी में स्थिति?](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgnb5fMQdsJKJMEEFsYW8-IepiVjJ6PJh6IItVjPU7IIuh3ZqHXEncseiHABfE0bIzwOs0Z0jRwCzFrBzyDi4wnq7_fBxFPUVLckYkqq6JKlG9SFjRMim7DHmWZdmHAL6x0SPZtl3qJ29M/s72-c/corona.jpg)
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