मधेपुरा जिले के आलमनगर थानाक्षेत्र के नारायणपुर वासा बड़गांव के प्रधान शिक्षिका अनीता कुमारी के द्वारा विद्यालय से चावल बेचने के दौरान ग्रामीणों द्वारा रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद से विद्यालय में चल रहे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है ।
15 दिन बाद भी विद्यालय के प्रधान शिक्षिका पर कोई काररवाई नहीं होते देख विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के द्वारा विद्यालय में तालाबंदी करते हुए विद्यालय के प्रधान शिक्षिका पर मध्यान्ह भोजन के चावल चोरी करने का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
कई दिनों के बाद सोमवार को विद्यालय खुलवाने पहुंचे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को बैरंग लौटना पड़ा । विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का कहना था कि 1 महीने से अधिक समय हो गया इसके बावजूद भी चावल चोरी कर बेचने वाले प्रधानाध्यापक एवं उनके सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. इस सब के बावजूद हम लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है कि विद्यालय का ताला खोला जाए। यहां तक कि हम लोगों को मुकदमों में फंसाने का भी भय दिखाया जा रहा है, परंतु मध्यान भोजन के नाम पर हो रही लूट एवं चोरी में शामिल शिक्षक व मध्यान्ह भोजन कर्मियों पर पदाधिकारी क्यों मेहरबान है? इसे क्या समझा जाए कि 1 महीने से अधिक समय हो जाने के बावजूद भी ना तो प्रधानाध्यापक पर मुकदमा दर्ज किया गया है और ना ही सही से विद्यालय के पंजी का निरीक्षण किया गया । जबकि चावल खरीदने वाले व्यक्ति के द्वारा एक बोरे की कीमत 1050 रुपए देकर खरीदने की बात स्वीकार करने के साथ-साथ पदाधिकारियों के समक्ष प्रधान शिक्षिका द्वारा चावल देने की बात कबूले जाने के बाद भी विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से विद्यालय में तालाबंदी है. पदाधिकारी कहते हैं कि हमने निलंबन करने के लिए पत्र पंचायत सचिव को भेज दिया है परंतु आज तक विद्यालय के प्रधान शिक्षिका को मुकदमा तो दूर की बात निलंबन का भी पत्र नहीं मिला है । जिससे साफ स्पष्ट होता है कि पदाधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मध्यान भोजन का हेरा फेरी हो रहा है हम विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय में तालाबंदी करते हुए वरीय पदाधिकारी के द्वारा विद्यालय में चल रहे व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ मध्यान भोजन के नाम पर हो रहे लूट एवं बच्चों के मुंह के निवाला छीनकर बेचने में संलिप्त शिक्षक कर्मी के अलावा विभागीय पदाधिकारी की संलिप्तता की जांच की मांग की है.
इस दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र अभिषेक कुमार ,रेशम कुमार, संजीव कुमार, रुपेश कुमार, मेघराज, एसपी कुमार, निभा कुमारी, ललित कुमार,कृष्ण कुमार ,विकास कुमार ,सन्नी कुमार ,हनी कुमार ,सौरव कुमार ,अमित कुमार प्रिंस कुमार , सहित कई छात्र-छात्रा विद्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए शिक्षाकर्मी एवं मध्यान्ह भोजन कर्मियों के खिलाफ नारेबाजी की.
एक महीना हो जाने के बाबजूद आरोपी प्रधानाध्यापिका के खिलाफ कार्यवाही नहीं करने से स्थानीय लोगों में विभागीय पदाधिकारियों पर आक्रोश व्याप्त है।
इस बावत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुमारी नीरजा ने बताया कि ग्रामीण कार्रवाई के माँग पर अडे़ हैं। जबकि इस मामले में वरीय पदाधिकारी द्वारा प्रधान शिक्षिका को निलंबित करने का पत्र निर्गत किया गया है जो पंचायत सचिव को उपलब्ध करा दिया गया है। परन्तु पंचायत सचिव द्वारा प्रधान शिक्षिका को नही दिया है।
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
15 दिन बाद भी विद्यालय के प्रधान शिक्षिका पर कोई काररवाई नहीं होते देख विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के द्वारा विद्यालय में तालाबंदी करते हुए विद्यालय के प्रधान शिक्षिका पर मध्यान्ह भोजन के चावल चोरी करने का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
कई दिनों के बाद सोमवार को विद्यालय खुलवाने पहुंचे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को बैरंग लौटना पड़ा । विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का कहना था कि 1 महीने से अधिक समय हो गया इसके बावजूद भी चावल चोरी कर बेचने वाले प्रधानाध्यापक एवं उनके सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. इस सब के बावजूद हम लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है कि विद्यालय का ताला खोला जाए। यहां तक कि हम लोगों को मुकदमों में फंसाने का भी भय दिखाया जा रहा है, परंतु मध्यान भोजन के नाम पर हो रही लूट एवं चोरी में शामिल शिक्षक व मध्यान्ह भोजन कर्मियों पर पदाधिकारी क्यों मेहरबान है? इसे क्या समझा जाए कि 1 महीने से अधिक समय हो जाने के बावजूद भी ना तो प्रधानाध्यापक पर मुकदमा दर्ज किया गया है और ना ही सही से विद्यालय के पंजी का निरीक्षण किया गया । जबकि चावल खरीदने वाले व्यक्ति के द्वारा एक बोरे की कीमत 1050 रुपए देकर खरीदने की बात स्वीकार करने के साथ-साथ पदाधिकारियों के समक्ष प्रधान शिक्षिका द्वारा चावल देने की बात कबूले जाने के बाद भी विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से विद्यालय में तालाबंदी है. पदाधिकारी कहते हैं कि हमने निलंबन करने के लिए पत्र पंचायत सचिव को भेज दिया है परंतु आज तक विद्यालय के प्रधान शिक्षिका को मुकदमा तो दूर की बात निलंबन का भी पत्र नहीं मिला है । जिससे साफ स्पष्ट होता है कि पदाधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मध्यान भोजन का हेरा फेरी हो रहा है हम विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय में तालाबंदी करते हुए वरीय पदाधिकारी के द्वारा विद्यालय में चल रहे व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ मध्यान भोजन के नाम पर हो रहे लूट एवं बच्चों के मुंह के निवाला छीनकर बेचने में संलिप्त शिक्षक कर्मी के अलावा विभागीय पदाधिकारी की संलिप्तता की जांच की मांग की है.
इस दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र अभिषेक कुमार ,रेशम कुमार, संजीव कुमार, रुपेश कुमार, मेघराज, एसपी कुमार, निभा कुमारी, ललित कुमार,कृष्ण कुमार ,विकास कुमार ,सन्नी कुमार ,हनी कुमार ,सौरव कुमार ,अमित कुमार प्रिंस कुमार , सहित कई छात्र-छात्रा विद्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए शिक्षाकर्मी एवं मध्यान्ह भोजन कर्मियों के खिलाफ नारेबाजी की.
एक महीना हो जाने के बाबजूद आरोपी प्रधानाध्यापिका के खिलाफ कार्यवाही नहीं करने से स्थानीय लोगों में विभागीय पदाधिकारियों पर आक्रोश व्याप्त है।
इस बावत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुमारी नीरजा ने बताया कि ग्रामीण कार्रवाई के माँग पर अडे़ हैं। जबकि इस मामले में वरीय पदाधिकारी द्वारा प्रधान शिक्षिका को निलंबित करने का पत्र निर्गत किया गया है जो पंचायत सचिव को उपलब्ध करा दिया गया है। परन्तु पंचायत सचिव द्वारा प्रधान शिक्षिका को नही दिया है।
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
मध्यान्ह भोजन का चावल बेचने की आरोपी प्रधान शिक्षिका पर 15 दिन बाद भी कार्रवाई न होने से आक्रोश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 06, 2020
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