एक तरफ जहाँ कमरतोड़ महंगाई से किसान उबर नहीं पा रहे हैं दूसरी तरफ अब खाद खरीदने में उन्हें एड़ी-चोटी एक करना पड़ रहा है.
सरकार के द्वारा भले ही किसानों को सब्सिडी आदि देने की बात भले ही की जाति है लेकिन सरजमीं पर दुकानदार हो या पदाधिकारी भोलेभाले किसानों का ही शोषण करते हैं। गेहूं के बुआई में लागत पूजीं एवं खाद के मनमाफी दाम का कर्ज अभी उतार भी नहीं पाया था कि पहली पटवन से ही उन्हें दुकानदारों के पास जाकर जेब ढीली करनी पड़ती है।
बता दें कि यूरिया का सरकारी मूल्य 260 रूपया प्रति बोरा निर्धारित है। लेकिन शंकरपुर स्थित खाद दुकानदार द्वारा 260 रूपया के बदला 330 से 340 रूपया प्रति बोरा कीमत वसूली जा रही है।
इस बावत सत्यनारायण यादव, राजो यादव, सीताराम यादव, महेश्वरी यादव, राजा यादव, राकेश यादव, गजेन्द्र यादव सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि शंकरपुर स्थित सभी अधिकृत खाद दुकानदार द्वारा 340 रूपया प्रति बोरा यूरिया धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इसकी शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं कई पदाधिकारी के पास किया लेकिन किसी ने हम किसानों की नहीं सुनी। बताया कि दुकानदार के द्वारा खाद खरीदने के बाद रसीद भी नहीं दिया जाता है जिससे कि उनके ऊपर कोई आवेदन या लिखित सूचना दी जा सके ।
मालूम हो कि शंकरपुर प्रखंड क्षेत्र के अन्तर्गत छोटे बड़े करीब दर्जन भर लाइसेंसी दुकान है। जिसमें सरकारी कीमत पर हो या अनुदानित खाद बीज किसानों को मुहैया कराना होता है लेकिन दुकानदार नियम कानून को ताक पर रखकर मनमानी तरीके से दुकानदारी चलाते हैं। इधर दुकानदार की सुने तो उसका कहना है कि नीचे से ऊपर के सभी पदाधिकारी को कमीशन देना पड़ता है। एक मुश्त राशि लगाकर माल खरीदना पड़ता है। तब जाकर उसे सीजन में खुदरा के भाव से बिक्री करना पड़ता है। लेकिन सरकार के द्वारा हमलोगों को किसी तरह का सुविधा मुहैया नहीं कराया जाता है। यदि हमलोग कुछ बढाकर अपना सामान नहीं बेचेगें तो हमें घाटे का सौदा करना पडेगा।
इधर क्षेत्र में कुकुरमुत्ता की तरह बिना लाइसेंसी दुकानदार फल फूल रहा है जो विभागीय पदाधिकारी के मिलीभगत से अपनी चलाते हैं। इस बावत जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क किया तो कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
सरकार के द्वारा भले ही किसानों को सब्सिडी आदि देने की बात भले ही की जाति है लेकिन सरजमीं पर दुकानदार हो या पदाधिकारी भोलेभाले किसानों का ही शोषण करते हैं। गेहूं के बुआई में लागत पूजीं एवं खाद के मनमाफी दाम का कर्ज अभी उतार भी नहीं पाया था कि पहली पटवन से ही उन्हें दुकानदारों के पास जाकर जेब ढीली करनी पड़ती है।
बता दें कि यूरिया का सरकारी मूल्य 260 रूपया प्रति बोरा निर्धारित है। लेकिन शंकरपुर स्थित खाद दुकानदार द्वारा 260 रूपया के बदला 330 से 340 रूपया प्रति बोरा कीमत वसूली जा रही है।
इस बावत सत्यनारायण यादव, राजो यादव, सीताराम यादव, महेश्वरी यादव, राजा यादव, राकेश यादव, गजेन्द्र यादव सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि शंकरपुर स्थित सभी अधिकृत खाद दुकानदार द्वारा 340 रूपया प्रति बोरा यूरिया धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इसकी शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं कई पदाधिकारी के पास किया लेकिन किसी ने हम किसानों की नहीं सुनी। बताया कि दुकानदार के द्वारा खाद खरीदने के बाद रसीद भी नहीं दिया जाता है जिससे कि उनके ऊपर कोई आवेदन या लिखित सूचना दी जा सके ।
मालूम हो कि शंकरपुर प्रखंड क्षेत्र के अन्तर्गत छोटे बड़े करीब दर्जन भर लाइसेंसी दुकान है। जिसमें सरकारी कीमत पर हो या अनुदानित खाद बीज किसानों को मुहैया कराना होता है लेकिन दुकानदार नियम कानून को ताक पर रखकर मनमानी तरीके से दुकानदारी चलाते हैं। इधर दुकानदार की सुने तो उसका कहना है कि नीचे से ऊपर के सभी पदाधिकारी को कमीशन देना पड़ता है। एक मुश्त राशि लगाकर माल खरीदना पड़ता है। तब जाकर उसे सीजन में खुदरा के भाव से बिक्री करना पड़ता है। लेकिन सरकार के द्वारा हमलोगों को किसी तरह का सुविधा मुहैया नहीं कराया जाता है। यदि हमलोग कुछ बढाकर अपना सामान नहीं बेचेगें तो हमें घाटे का सौदा करना पडेगा।
इधर क्षेत्र में कुकुरमुत्ता की तरह बिना लाइसेंसी दुकानदार फल फूल रहा है जो विभागीय पदाधिकारी के मिलीभगत से अपनी चलाते हैं। इस बावत जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क किया तो कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
किसान परेशान: खाद के लिए सरकारी मूल्य से काफी अधिक राशि वसूल रहे हैं दुकानदार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 06, 2020
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