मधेपुरा जिले के निवासी आईपीएस अरविंद कुमार बने देश की सबसे संवेदनशील संस्था 'इंटेलिजेंस ब्यूरो' के प्रमुख
देश के सबसे संवेदनशील संस्था 'इंटेलिजेंस ब्यूरो' के प्रमुख के पद पर जिस शख्सियत के नियुक्ति की घोषणा भारत सरकार ने की, उनके बारे में यह जानकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा कि वे मधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड के इसरायण कलां के निवासी हैं.
इस गाँव के सपूत अरविंद कुमार, आईपीएस को देश के सबसे संवेदनशील संस्था 'इंटेलिजेंस ब्यूरो' के प्रमुख के पद पर नियुक्ति की घोषणा भारत सरकार ने की तो जाहिर है गाँव से लेकर इलाके में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
1984 बैच के आईपीएस श्री अरविंद कुमार बचपन से ही मेधावी रहे हैं। नेतरहाट से स्कूली शिक्षा के बाद बरास्ते पटना विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने फिजिक्स में उंची शिक्षा प्राप्त की। आईपीएस में आने के बाद उनकी मेधा, ईमानदारी की कद्र हमेशा हुई और उन्हें काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलती रही और आज शीर्ष जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
श्री अरविंद कुमार की शख्सियत का विलक्षण पहलू यह है कि प्रशासनिक कार्यों में वे जितने नियमबद्ध हैं वहीं उनके भीतर एक कोमल दिल भी बसता है। उनकी विनम्रता और सादगी किसी के लिए भी अनुकरणीय है।
सबसे बड़ी बात कि उनके भीतर एक शिक्षक भी बसता है। पिछली बार, कुछ ही महीने पूर्व एक पारिवारिक आयोजन में वे तीन-चार दिनों के लिए गाँव आये थे। एक दिन उन्होंने अफसोस के साथ कहा कि आज हमलोगों को स्कूल में कुछ समय देना चाहिए था। मैं साइंस पढ़ा देता और आप लिटरेचर। इस बहाने बच्चों से मिल भी लेते।
उनकी सादगी की एक मिसाल दूँ। एक बार वे दिल्ली से नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस से कटिहार आ रहे थे। मै मुगलसराय में साथ हुआ। हमें पूर्णिया आना था। नार्थ ईस्ट लेट हो गयी तो पूर्णिया कै लिए कोई ट्रेन नहीं थी। हमने एक बस पकड़ी। बस में कोई सीट नहीं थी। हमने खड़े-खड़े एक घंटे की यात्रा की। मैंने बस में ही पूछा -अब आपको इस तरह से यात्रा करना कैसा लगता है? वे मुस्कुराये - ठीक है कोई दिक्कत नहीं है। वैसे तो फोन कर देता तो गाड़ी आ ही जाती लेकिन कभी-कभी इस तरह भी यात्रा करनी चाहिए। ये उन दिनों की बात है जब वे आईबी में ही संयुक्त निदेशक थे।
मैरे गाँव का खुश होना तो स्वाभाविक हक है। पूरे कोसी अंचल में खुशी है। आपको जो महती जिम्मेदारी सौंपी गयी है। आप उसमें कामयाब हों, यही हम सब की कामना है।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFsY2fvtiy6nub9A4pVlrb768YQeRv-i9jXV7U7jEP3-8K57lE03nHP5XCWuxw7M31ZbH05MY7U5W-2UFJ-GWp-h4KgE2nxuuTl2-P-3m5QFd42UtlnywG7sARuG3jxDbNwr3JF9FiJZ8/s1600/RD+Singh.jpg)
रामदेव सिंह
(लेखक कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त जानेमाने साहित्यकार हैं और उनकी कई किताबें भी चर्चित रही हैं.)
इस गाँव के सपूत अरविंद कुमार, आईपीएस को देश के सबसे संवेदनशील संस्था 'इंटेलिजेंस ब्यूरो' के प्रमुख के पद पर नियुक्ति की घोषणा भारत सरकार ने की तो जाहिर है गाँव से लेकर इलाके में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
1984 बैच के आईपीएस श्री अरविंद कुमार बचपन से ही मेधावी रहे हैं। नेतरहाट से स्कूली शिक्षा के बाद बरास्ते पटना विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने फिजिक्स में उंची शिक्षा प्राप्त की। आईपीएस में आने के बाद उनकी मेधा, ईमानदारी की कद्र हमेशा हुई और उन्हें काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलती रही और आज शीर्ष जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
श्री अरविंद कुमार की शख्सियत का विलक्षण पहलू यह है कि प्रशासनिक कार्यों में वे जितने नियमबद्ध हैं वहीं उनके भीतर एक कोमल दिल भी बसता है। उनकी विनम्रता और सादगी किसी के लिए भी अनुकरणीय है।
सबसे बड़ी बात कि उनके भीतर एक शिक्षक भी बसता है। पिछली बार, कुछ ही महीने पूर्व एक पारिवारिक आयोजन में वे तीन-चार दिनों के लिए गाँव आये थे। एक दिन उन्होंने अफसोस के साथ कहा कि आज हमलोगों को स्कूल में कुछ समय देना चाहिए था। मैं साइंस पढ़ा देता और आप लिटरेचर। इस बहाने बच्चों से मिल भी लेते।
उनकी सादगी की एक मिसाल दूँ। एक बार वे दिल्ली से नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस से कटिहार आ रहे थे। मै मुगलसराय में साथ हुआ। हमें पूर्णिया आना था। नार्थ ईस्ट लेट हो गयी तो पूर्णिया कै लिए कोई ट्रेन नहीं थी। हमने एक बस पकड़ी। बस में कोई सीट नहीं थी। हमने खड़े-खड़े एक घंटे की यात्रा की। मैंने बस में ही पूछा -अब आपको इस तरह से यात्रा करना कैसा लगता है? वे मुस्कुराये - ठीक है कोई दिक्कत नहीं है। वैसे तो फोन कर देता तो गाड़ी आ ही जाती लेकिन कभी-कभी इस तरह भी यात्रा करनी चाहिए। ये उन दिनों की बात है जब वे आईबी में ही संयुक्त निदेशक थे।
मैरे गाँव का खुश होना तो स्वाभाविक हक है। पूरे कोसी अंचल में खुशी है। आपको जो महती जिम्मेदारी सौंपी गयी है। आप उसमें कामयाब हों, यही हम सब की कामना है।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFsY2fvtiy6nub9A4pVlrb768YQeRv-i9jXV7U7jEP3-8K57lE03nHP5XCWuxw7M31ZbH05MY7U5W-2UFJ-GWp-h4KgE2nxuuTl2-P-3m5QFd42UtlnywG7sARuG3jxDbNwr3JF9FiJZ8/s1600/RD+Singh.jpg)
रामदेव सिंह
(लेखक कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त जानेमाने साहित्यकार हैं और उनकी कई किताबें भी चर्चित रही हैं.)
मधेपुरा जिले के निवासी आईपीएस अरविंद कुमार बने देश की सबसे संवेदनशील संस्था 'इंटेलिजेंस ब्यूरो' के प्रमुख
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 27, 2019
Rating:
![मधेपुरा जिले के निवासी आईपीएस अरविंद कुमार बने देश की सबसे संवेदनशील संस्था 'इंटेलिजेंस ब्यूरो' के प्रमुख](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjFgr7ZjF7-W53ywNeyZwFC2qdIjCUJxXfZE_08-9Mp6g-Kp2D3Ow2puwACcW4wZJFrO8IGm8EWjAuHzQhfAMDaxBsMcsOFjrvcYMNRHgDVAx9zAyqnQUG0xYQT2nz9M8_Jhyhsv_IEvoM/s72-c/MadhepuraTimes.jpg)
No comments: