मधेपुरा शहर में पहले तल्ले से गिरने के कारण बिजली मिस्त्री की मौत, एम्बुलेंस मिलता तो बच सकती थी जान
मधेपुरा जिला मुख्यालय के कॉलेज चौक वार्ड नं. 4 में वायरिंग के दौरान पहले तल्ले से गिरने के कारण बिजली मिस्त्री की मौत हो गई है।
मिली जानकारी आदर्श नगर वार्ड 7 निवासी अनिल साह पिता चंदेश्वरी साह शनिवार को वार्ड 4 में ई. डेविड के नवनिर्मित घर के पहले तल्ले पर सीढ़ी लगाकर वायरिंग का कार्य कर रहा था, इसी दौरान पैर फिसलने के कारण वह घर के आंगन में बने फर्श पर गिर गया। इसके बाद घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पैर फिसलने के बाद वह आंगन में फर्श पर गिरा, जिसके बाद उसकी हडि्डयां टूट गई और चेहरा पूरी तरह बर्बाद हो गया। बताया कि वहीं कार्य कर रहे साथी मिस्त्रियों ने जब उसे देखा उसकी सांसें चल रही थी। इसके बाद साथी मिस्त्रियों द्वारा एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन हड़ताल के कारण एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच सका। वहीं करीब 15 मिनट सभी गाड़ियों से अस्पताल ले जाने की विनती करने के बाद एक ई-रिक्शा चालक ने उसे अस्पताल लाया। अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बिजली मिस्त्री को मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं लोगों ने बताया कि अगर ससमय एंबुलेंस या वाहन मिल जाता तो अनिल को बचाया जा सकता था। लेकिन करीब आधे घंटे देरी से पहुंचने के कारण उनकी मौत हो गई।
अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बिजली मिस्त्री अनिल साह मृत घोषित करने के बाद उनकी पत्नी रश्मी देवी की हालत बेझाद खराब है । वहीं करीब 5 साल की बच्ची शालिनी को अब तक पता ही नहीं चल पाया है कि उनके पिता इस दुनिया में नहीं रहे। पिता को मृत देख 12 व 10 वर्षीय बेटे सदमे में हैं।
मिली जानकारी आदर्श नगर वार्ड 7 निवासी अनिल साह पिता चंदेश्वरी साह शनिवार को वार्ड 4 में ई. डेविड के नवनिर्मित घर के पहले तल्ले पर सीढ़ी लगाकर वायरिंग का कार्य कर रहा था, इसी दौरान पैर फिसलने के कारण वह घर के आंगन में बने फर्श पर गिर गया। इसके बाद घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पैर फिसलने के बाद वह आंगन में फर्श पर गिरा, जिसके बाद उसकी हडि्डयां टूट गई और चेहरा पूरी तरह बर्बाद हो गया। बताया कि वहीं कार्य कर रहे साथी मिस्त्रियों ने जब उसे देखा उसकी सांसें चल रही थी। इसके बाद साथी मिस्त्रियों द्वारा एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन हड़ताल के कारण एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच सका। वहीं करीब 15 मिनट सभी गाड़ियों से अस्पताल ले जाने की विनती करने के बाद एक ई-रिक्शा चालक ने उसे अस्पताल लाया। अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बिजली मिस्त्री को मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं लोगों ने बताया कि अगर ससमय एंबुलेंस या वाहन मिल जाता तो अनिल को बचाया जा सकता था। लेकिन करीब आधे घंटे देरी से पहुंचने के कारण उनकी मौत हो गई।
अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बिजली मिस्त्री अनिल साह मृत घोषित करने के बाद उनकी पत्नी रश्मी देवी की हालत बेझाद खराब है । वहीं करीब 5 साल की बच्ची शालिनी को अब तक पता ही नहीं चल पाया है कि उनके पिता इस दुनिया में नहीं रहे। पिता को मृत देख 12 व 10 वर्षीय बेटे सदमे में हैं।
मधेपुरा शहर में पहले तल्ले से गिरने के कारण बिजली मिस्त्री की मौत, एम्बुलेंस मिलता तो बच सकती थी जान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 02, 2019
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