आम महिलाएँ इतनी शर्मसार और अपनी बेटियों को लेकर इतना असुरक्षित महसूस कर रही हैं कि वे सड़क पर उतरने को विवश हैं.
मधेपुरा सदर प्रखंड के सुखासन (चकला) ग्राम पंचायत की महिलाओं ने संगोष्ठी आयोजित कर समाज में घट रही बलात्कार व यौन-शोषण की घटनाओं पर चर्चा करते हुए समाज कल्याण मंत्री मंजु वर्मा पर सवाल उठाया कि क्या वे शर्मसार नहीं हैं. कुमारी अंशु ने कहा कि उन्हें अपने दायित्व का बोध होता तो वे इस्तीफ़ा दे चुकी होतीं.
संजू देवी ने मंजु वर्मा को बर्खास्त करने की माँग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की. प्रियंका , गुड़िया, रिया ने ऐसी घटनाओं के लिए सरकारी सिस्टम को भ्रष्ट और निकम्मा कहा. निर्मला देवी ने मधेपुरा कोचिंग कांड के आरोपी की भी गिरफ़्तारी अबतक नहीं होने पर पुलिस प्रशासन पर आक्रोश जताया.
सुषमा यादव ने कहा कि ब्रजेश ठाकुर को पाँच-पाँच संस्थाओं के संचालन के लिए करोड़ों की सरकारी राशि और एक छोटे अख़बार के लिए 30 लाख का सरकारी विज्ञापन आवंटित किये जाने से स्पष्ट है कि अपराधी सरकार द्वारा पाला-पोसा गया है.
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डा० शांति यादव ने कहा कि सरकार अपनी ज़िम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती. यह केवल बलात्कार की घटना नहीं है बल्कि सुनियोजित तरीक़े से पूरे सिस्टम को यूज करते हुए लगातार पिछले पाँच वर्षों से बड़ी संख्या में नाबालिग़ लड़कियों के यौन शोषण व सरकारी राशि की लूट और हत्या का मामला है. विभाग व सरकार की संलिप्तता के बग़ैर यह कभी संभव नहीं है.
वहीं प्रियंका देवी ने कहा कि आज भी मंजु वर्मा मुख्यमंत्री की बग़ल की कुर्सी पर गौरव से बैठती हैं. उन्हें अपने विभाग की नारकीय दशा का और बेसहारा बच्चियों की ज़िन्दगी को कोढ़ ग्रस्त बना देने का कोई दर्द नहीं है.
संगोष्ठी में रीता देवी, द्रौपदी देवी, मीरा देवी, सरिता देवी, रीना कुमारी, कविता राय, रीति, मिलन देवी, सुलेखा देवी, रजनी, रोज़ी, कंचन, निशा, आयुषी, नीतू आदि उपस्थित थीं. (नि. सं.)
मधेपुरा में ग्रामीण महिलाओं ने भी फूँका बिगुल, महिला उत्पीड़न बंद हो
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 05, 2018
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