सिंहेश्वर मंदिर में भक्ति संगीत ने बांधा शमा: अमर आनंद और गोपाल आनंद ने किया दर्शकों का भरपूर मनोरंजन
“चललो नय जाय हो बाबा बुललो नय जाय, छोट छोट रोडी गडय हो भोलेनाथ चललो नय जाय” की मैथली भक्ति गीत पर मंदिर में उपस्थित दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया.
श्रावणी मेला के अवसर पर मधेपुरा के सिंहेश्वर में बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अररिया के कलाकार अगर आनंद ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर भक्ति गीतों का ऐसा शमा बांधा कि दर्शक हिल नहीं सके. एक से बढ़कर एक विद्यापति के गीत गाए, उगना रे और जय जय भैरव असुर भयावनी जैसे गीतों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.
हालांकि रविवार को ही सीओ कृष्ण कुमार सिंह ने न्यास प्रबंधक उदय कांत झा को मंदिर परिसर में चौकी लगा कर स्टेज बनाने के लिए कहा था, लेकिन सीओ की बातों को मंदिर न्यास प्रबंधक अपने अधीनस्थ कर्मचारी के बहकावे में नजरअंदाज कर दिया. वहीं जब साढ़े चार बजे कलाकारों का दल सिंहेश्वर पहुंचा तो उसे इधर से उधर टरकाया जाता रहा. मंदिर न्यास के कर्मियों ने उसे बैठने तक के लिए नहीं कहा.
इसकी सूचना मिलते ही सीओ कृष्ण कुमार सिंह और बीडीओ अजीत कुमार ने मंदिर पहुँच कर न्यास प्रबंधक् को डांट पिलाई और मंदिर के भीतर ही प्रवचन स्थल पर कार्यक्रम शुरू करवाया. हालांकि सुपौल की मंजूषा मिश्रा तब तक गुस्से में वापस चली गई, लेकिन अमर आनंद और गोपाल आनंद ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.
श्रावणी मेला के अवसर पर मधेपुरा के सिंहेश्वर में बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अररिया के कलाकार अगर आनंद ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर भक्ति गीतों का ऐसा शमा बांधा कि दर्शक हिल नहीं सके. एक से बढ़कर एक विद्यापति के गीत गाए, उगना रे और जय जय भैरव असुर भयावनी जैसे गीतों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.
हालांकि रविवार को ही सीओ कृष्ण कुमार सिंह ने न्यास प्रबंधक उदय कांत झा को मंदिर परिसर में चौकी लगा कर स्टेज बनाने के लिए कहा था, लेकिन सीओ की बातों को मंदिर न्यास प्रबंधक अपने अधीनस्थ कर्मचारी के बहकावे में नजरअंदाज कर दिया. वहीं जब साढ़े चार बजे कलाकारों का दल सिंहेश्वर पहुंचा तो उसे इधर से उधर टरकाया जाता रहा. मंदिर न्यास के कर्मियों ने उसे बैठने तक के लिए नहीं कहा.
इसकी सूचना मिलते ही सीओ कृष्ण कुमार सिंह और बीडीओ अजीत कुमार ने मंदिर पहुँच कर न्यास प्रबंधक् को डांट पिलाई और मंदिर के भीतर ही प्रवचन स्थल पर कार्यक्रम शुरू करवाया. हालांकि सुपौल की मंजूषा मिश्रा तब तक गुस्से में वापस चली गई, लेकिन अमर आनंद और गोपाल आनंद ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.
सिंहेश्वर मंदिर में भक्ति संगीत ने बांधा शमा: अमर आनंद और गोपाल आनंद ने किया दर्शकों का भरपूर मनोरंजन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 27, 2018
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