मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड के रतवारा ओपी क्षेत्र में स्कूल जा रहे छात्र
की ट्रैक्टर से कुचलने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई. इस बाबत स्थानीय ग्रामीणों ने
आक्रोश व्यक्त करते हुए घंटों सबको लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान लोगों ने बहुत दिनों से चली आ रही विद्यालय की मांग के मुख्य मुद्दे
को दुहराया. घटना सोनामुखी मुरोत पथ में घटी जब मंगलवार को कक्षा चार के छात्र
सूरज कुमार (उम्र लगभग 13 वर्ष) की मौत विपरीत दिशा से आ रही ट्रैक्टर के चपेट में
आने से हो गई.
मृतक सूरज कुमार मुरोत गांव के कैलाश सिंह का पुत्र बताया जाता है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सूरज कुमार अपने घर से साइकिल पर सवार होकर वार्षिक
परीक्षा देने के लिए विस्थापित मुरोत विद्यालय जा रहा था. इसी दौरान विपरीत दिशा
से आ रही ट्रैक्टर के चपेट में आ गया जिससे सूरज कुमार की मौत घटनास्थल पर
ही हो गई.
घटना की सूचना मिलते ही रतवारा ओपी अध्यक्ष रणवीर कुमार राउत पुलिस बल के साथ
घटनास्थल पर पहुंच कर मृतक के शव को कब्जे में कर लिया. इस बाबत ओपी अध्यक्ष रणवीर
कुमार राउत ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है, वहीँ ट्रैक्टर
को जप्त कर लिया गया है. परंतु ट्रैक्टर चालक फरार हो गया है.
घटना की खबर मिलते ही घटनास्थल पर मृतक के शव को देखने सैकड़ों लोग की भीड़
उमड़ पड़ी. घटनास्थल पर मुरोत गांव के ग्रामीणों ने कहा कि मुरोत में अगर विद्यालय
रहता तो यह घटना नहीं होती. लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि कोसी के कटाव से विद्यालय के कट जाने से स्थानीय छात्रों को भारी
परेशानी होती है. स्थापित विद्यालय के कट जाने से मुरोत का विद्यालय मुरोत
विस्थापित के स्थल पर चलाया जा रहा है जो मुरोत से लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर
की दूरी पर है. वहीं स्थानीय लोगों ने फिर से मुरोत में पूर्व की तरह ही विद्यालय
खोलने की मांग की है.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
गाँव में स्कूल होता तो कक्षा चार के सूरज की दुर्घटना में मौत न होती
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 13, 2018
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