सुपौल शहर में नहीं हुई प्रदर्शित 'पद्मावत', सहरसा में भी भारी विरोध

सुपौल। संजय लीला भंसाली की चर्चित फिल्म पद्मावत के रिलीज के बाद शहर के दो सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं हो सकी।

फिल्म रिलीज होने से पूर्व ही कोशी क्षत्रिय युवा शक्ति के कार्यकर्ताओं ने सिनेमा हॉल मालिक से फिल्म ना प्रदर्शित करने की अपील कर चुके थे।

बावजूद गुरुवार को क्षत्रिय युवा शक्ति के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पद्मावत फिल्म के विरोध में शहर में गाजे-बाजे एवं वाहनों के काफिले के साथ विरोध मार्च निकाला। यह मार्च ऐतिहासिक गांधी मैदान से प्रारंभ होकर शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए पुन: गांधी मैदान पहुंची। जहां विरोध मार्च को समाप्त कराया गया। इस दौरान जय श्री राम, जय राजपुताना के गगनभेदी नारे लगाये गये।

विरोध मार्च में शामिल पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि पद्मावती भारतीय वीरांगना  थी, जिन्होंने विदेशी आक्रमणकारी एवं आक्रांता खिलजी को युद्ध में छक्के छुड़ा दिया था। ऐसी वीरांगना की संदर्भ में संजय लीला भंसाली ने इतिहास के साथ गलत चित्रण करने का कुंठित  प्रयास किया है। उनका यह प्रयास क्षत्रिय समाज ही नहीं हिंदू समाज को अपमानित कर रहा है। कहा कि जोधा अकबर एवं बाजीराव मस्तानी में भी यह निर्देशक ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ करते हिंदू समाज को अपमानित करने का प्रयास किया। विरोध मार्च में सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।  

उधर कोशी एक्सप्रेस न्यूज पोर्टल पर छपी खबर के मुताबिक़ फिल्म पद्मावत के विरोध में सहरसा में आज मशाल जुलूस सह विरोध प्रदर्शन निकाला गया जिसमें छातापुर के भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू, भाजपा नेता सह पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, पूर्व भाजपा विधायक डॉक्टर आलोक रंजन आदि शामिल थे. बताया गया कि आईएमए के बैनर तले डॉक्टर अजय कुमार सिंह, डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह, डॉक्टर भुवन कुमार सिंह, डॉक्टर आईडी सिंह, डॉक्टर रंजेश कुमार, डॉक्टर शीलेन्द्र कुमार, डॉक्टर पी भाष्कर सहित अन्य द्वारा भी नारेबाजी करते हुए फिल्म के प्रदर्शन पर विरोध जताया गया

सुपौल शहर में नहीं हुई प्रदर्शित 'पद्मावत', सहरसा में भी भारी विरोध सुपौल शहर में नहीं हुई प्रदर्शित 'पद्मावत', सहरसा में भी भारी विरोध  Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 25, 2018 Rating: 5
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