बकवास जैसा ही लगता है मधेपुरा में महिला की चोटी काटने का मामला (देखें वीडियो)

मधेपुरा में महिला की चोटी कट गई और चारों तरफ इसके किस्से चटखारे ले-लेकर सुनाये जाने लगे. तथाकथित कुछ विद्वान् लोग भी घटना का बखान यूं करने लगे मानो सच में कहीं से कोई चोटीकटवा गिरोह मधेपुरा घुस आया हो.


हमने अपनी पहली रिपोर्ट में ही लोगों को इस घटना की जानकारी देते हुए शंका जाहिर की और पाठकों से इस पर अधिक तवज्जो न देने की अपील भी की. वैसे हमारे जागरूक पाठकों ने भी घटना को 'फालतू' किस्म का ही बताया. 

पर उधर मधेपुरा के साहुगढ़ दीवानी टोला की महिला को देखने में को लोगों ने अपने काम-धंधे से अधिक रुचि दिखाई और कई बार अफवाह भी उड़ाते रहे कि काजल कुमारी की मौत हो गई. जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था.

अफवाहों की सच्चाई सामने लानी थी तो हमारी टीम ने गाँव का दौरा कर लिया और दर्जनों लोगों से घटना की सच्चाई जानने की कोशिश की. जानकारी मिली कि पीड़िता काजल कुमारी की उम्र करीब 22 वर्ष है और उसके पति बाहर रहकर मजदूरी करते हैं. पति तीन भाई और दो बहन हैं और परिवार गरीब के साथ अशिक्षित भी है. काजल की एक ननद हाथ से दिव्यांग है जिसने एक बाबा की कहानी गढ़ी और बताया कि काले कपड़े में सुबह पांच बजे ही बाबा भिक्षा के लिए आए और नहीं मिलने पर चले गए. उसके कुछ देर बाद ही काजल बेहोश होकर गिर पड़ी और उसके बाल कट गए.

हमने आसपास के कई लोगों से कथित बाबा के बारे में पूछा तो किसी ने इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी और कहा कि उतना सुबह कभी कोई बाबा नहीं आता है. पीड़ित महिला के बारे में परिवार और अन्य कुछ लोगों ने बताया कि उसे ‘भूत’ भी लगता है. मधेपुरा अस्पताल में भी परिजनों ने चिकित्सक तक को एकाध बार बताया कि महिला को भूत लग गया है. यही नहीं, जानकारी मिली कि वहाँ आपस में भी परिवार के सदस्य अक्सर लड़ते झगड़ते रहते हैं.

ऐसी घटना के मनोवैज्ञानिक पहलू पर यदि बात करें तो ‘भूत-डायन-जोगिन’ आदि की कथाएं अशिक्षित परिवारों में ही चलती है और ये अक्सर पुराने समय से चली आ रही है. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे अपनी ओर ध्यान दिलाने या मांगें मनवाने की सायकोलॉजी होती है. शहरों में या पढ़े-लिखे परिवारों को आज तक शायद ही भूत नजर आया हो.

सदर अस्पातल में महिला को कथित ‘बेहोशी’ की अवस्था में लाने के बाद चिकित्सकों की जांच में सबकुछ सही था और महिला बेहोश भी नहीं थी, सिर्फ आँखें खोल-खोल कर बंद कर लिया करती थी. महिला की अस्पताल से छुट्टी होने के बाद परिवार के सदस्य की बातें भी अलग-अलग किस्म की हो रही हैं. हाँ, कटे हुए थोड़े बाल पर लोग संशय में जरूर रहे कि आखिर बाल कैसे कट गए?

पूरी घटना को जानने और समझने से यही प्रतीत होता है कि मानसिक बीमार उस महिला ने या तो खुद बाल काट लिए या फिर परिवार में सुबह-सुबह कोई झगड़ा हुआ हो, जिसमें ऐसी बात हुई हो जिसे वे सब छुपा रहे हैं. पीड़िता भी कुछ स्पष्ट नहीं बता रही है. वैसे इस बात की आशंका से भी अभी इनकार करना उचित नहीं लगता है कि किसी उचक्के ने भी ऐसी हरकत की होगी. हमारी नजर में तो सबकुछ बकवास जैसी लगता है और यहाँ वो कहावत याद आती है कि एक अनार, सौ बीमार. 

(घटना से सम्बंधित इस वीडियो को जरूर देखें , यहाँ क्लिक करें.)
बकवास जैसा ही लगता है मधेपुरा में महिला की चोटी काटने का मामला (देखें वीडियो) बकवास जैसा ही लगता है मधेपुरा में महिला की चोटी काटने का मामला (देखें वीडियो) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 09, 2017 Rating: 5
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