घपला: जनवितरण दुकानदारों ने दबा रखे हैं ₹ 53 लाख 22 हजार से अधिक के चावल

सरकारी योजनाओं के घपलों की कहानी तो सभी जानते हैं लेकिन ऐसे घपलों के गड़े मुर्दे उखाड़ कर दोषियों को सामने लाने का काम न्यायालय ही कर सकती है।
   वर्ष 2002 से 2006 तक सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में सरकारी चावल को गटकने वालों की खबर अब उच्च न्यायालय ले रही है और इसके लिए न्यायमूर्ति श्री उदय सिन्हा न्यायिक जांच आयोग ने राज्य के सभी जिलों में जांच कर रही है।

   मधेपुरा जिले में प्रथम दृष्टया 17 जनवितरण दुकानदारों ने 58 लाख रु0 से अधिक के चावल गटके थे। जब जांच की बात आई तो 12 डीलरों ने 4 लाख 90 हजार रु0 तो जमा करा दिए लेकिन पांच डीलरों ने अभी भी 53 लाख 22 हजार से अधिक रु0  दबा रखे हैं। जांच आयोग अभी पूरी जांच करने पर उतारू है और जिले में उन पांच वर्षों में उक्त योजना के तहत चावल के उठाव और वितरण को ऑडिट के साथ खंगाल रही है।

     सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना जिले में 2002 में प्रारंभ हुई जिसमे ग्रामीण विकास योजना में कार्यरत मजदूरों को नकद के अतिरिक्त चावल भी मजदूरी के रूप में देने का प्रावधान था। इस योजना में खूब घपले हुए तो इसे अंततः 2006 में बंद कर दिया गया। लेकिन जो चावल डीलरों को जारी हो चुके थे वे डीलरो के पास ही अवशेष रह गए। समय के साथ उक्त चावल डीलरों के पास ही पचता रहा।
    लेकिन अचानक पटना उच्च न्यायालय ने समादेश याचिका 5038/2011 रेफुल आजम एवं अन्य बनाम बिहार सरकार एवं अन्य तथा सदृश्य याचिकाओं में 21 जनवरी 2016 को आदेश जारी कर इसकी जांच के लिए न्यायमूर्ति श्री उदय सिन्हा न्यायिक जांच आयोग गठित कर दिया है। इस आयोग को सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत अवशेष बचे चावल मुल्य जमा नहीं करने के कारण सरकार को हुई क्षति का आकलन एवं जिम्मेदारी निर्धारण का दायित्व सौपा गया है। आयोग ने जिलों से उक्त योजना में चावल का उठाव, वितरण और अवशेष, वसूली, कार्रवाई का पूर्ण विवरण तलब किया है

            अभी तक मधेपुरा जिले में 17 डीलरों पर बकाये चावल की कीमत  वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद और प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। इनमे से 12 छोटे बकायेदारों ने 4 लाख 90 हजार 570 रु0 जमा कराये गए हैं जबकि पांच बड़े बकायेदारों 53 लाख 22 हजार354 रु0 बकाये हैं। डीलर नागेश्वर प्र0 यादव के पास14 लाख 46 हजार,दुखन मालाकार के पास एक लाख 80 हजार, सदानंद राय के पास 6 लाख 88 हजार, ब्रम्हदेव गुप्ता के पास एक लाख नवासी हजार तथा अमरेन्द्र राय के पास 25 लाख आठ हजार रु0 से अधिक बकाया है।
        उप विकास आयुक्त मिथिलेश कुमार इस बावत बताते हैं कि आयोग ने इस योजना के तहत आवंटित चावल का डीलर वार पूर्ण विवरण माँगा है। साथ ही इसका ऑडिट भी कराया जा रहा है।
घपला: जनवितरण दुकानदारों ने दबा रखे हैं ₹ 53 लाख 22 हजार से अधिक के चावल घपला: जनवितरण दुकानदारों ने दबा रखे हैं ₹ 53 लाख 22 हजार से अधिक के चावल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 21, 2017 Rating: 5
Powered by Blogger.