एक कहावत है कभी नाव पर गाड़ी तो कभी गाड़ी पर नाव. ये बात तो तर्कसंगत भी है और अक्सर देखी भी जा सकती है. संपेरे के द्वारा सांप को नचाते तो सबने सुना है पर पर क्या आपने कभी सुना है कि सांप ने ही संपेरे को नचा दिया?
बीन की धुन पर सांप की जगह संपेरे और कई दुकानदार नाचते रहे और लोग तमाशा देखते रहे. घटना मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर के मुख्य बाजार में नरेश भगत के जूता दुकान पर की है. हुआ यूं कि यहाँ एक संपेरा काफी देर से सांप का खेल दिखा रहा था. पर सपेरा बरामदे पर सांप को रख कर झोले से जैसे ही बीन निकालने लगा उसी समय सांप मालिक के बगावत कर काउंटर के नीचे खिसक लिया लिया. जब तक संपेरा यह समझ पाता सांप तो गायब ही हो गया और संपेरे समेत कई लोगों को सांप सूंघ गया. उसके बाद तो सांप को निकलवाने के लिए संपेरा इधर से उधर नाच-नाच कर बीन की आवाज पूरे दो घंटे तक सुनाता रहा और चारों दुकानदार भी उसकी बीन पर इस डर से इधर-उधर नाचते रहे कि पता नहीं किधर से सांप निकल आये.
दूकान के आसपास लोगों की भीड को अलग ही तमाशा देखने को मिल रहा था, पर नतीजा शून्य. बाबा की नगरी में सांप मानो अदृश्य हो चुका था. दूकानदार संपेरे को सांप के भय से जाने नहीं दे रहे थे और संपेरे को सांप फंसा कर शायद दूर जा चुका था. जो भी हो, लोगों ने भी शायद उल्टी बाजी का मनोरंजन कभी नहीं देखा था.
उल्टी बाजी: बाबा की नगरी में जब सांप ने ही नचा दिया संपेरे को
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 17, 2017
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