मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड अंतर्गत
उत्क्रमित मध्य विद्यालय खेरहो-चंदा मे शुक्रवार के दोपहर मे मध्याह्न भोजन खाने
के उपरांत करीब दो दर्जन बच्चे को उल्टी
होने लगी.
बच्चों के अभिभावकों ने आनन-फानन
में आकर गांव में ईलाज कराया. ग्रामीण चिकित्सक के ईलाज से ही बच्चे खतरे से बाहर आ
गए. वहीँ देर शाम को ग्रामीणों के द्वारा घटना को लेकर डीएम मो. सोहैल को घटना की
जानकारी दी गई. डीएम श्री सोहेल ने घटना को गंभीरता से लेते हुए देर शाम को पीएचसी
प्रभारी अजय कुमार सिन्हा को फोन से स्कूल के बच्चों को जांच करने का आदेश दिया. पीएचसी
प्रभारी श्री सिन्हा ने गांव पहुंचकर सभी बच्चों की जांच की. सभी बच्चे तत्काल ठीक
थे, मगर डाक्टर ने एमडीएम में कुछ
अवांछनीय तत्व होने की आशंका जताई.
वहीं दूसरी ओर कुछ ग्रामीणों और प्रभारी एचएम पंकज कुमार गुप्ता ने बताया
कि वर्ग 1 और 2 के बच्चे स्कूल बगल में लगे बघंडी के पौधे का फल खा लिया जिससे
उल्टी होनी शुरू हो गई. जदयू अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी
3 बजे हीं ग्रामीण ओमप्रकाश शर्मा ने बीडीओ रीना कुमारी को दिया था. मगर बीडीओ ने
किसी भी वरीय पदाधिकारी को इसकी जानकारी नहीं दी जो दुर्भाग्यपूर्ण है. बाद में
श्री कुमार ने इसकी जानकारी एसडीओ और डीएम को दी.
कई ग्रामीणों द्वारा घटना को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि घटना में कोई वास्तविकता नहीं है, इसे राजनीतिक रूप दिया
जा रहा है. वहीँ डीएम के निर्देशानुसार एमडीएम डीपीओ चन्द्रशेखर राय द्वारा शनिवार
को विद्यालय पहुंचकर घटना के बाबत जांच की गई. मौके पर स्कूल जांच करने पहुंचे
डीपीओ चन्द्रशेखर राय को भी कई ग्रामीणों ने कहा कि बघंडी खाने से हीं उल्टी हुई.
जांच की रिपोर्ट की जानकारी अभी नहीं मिल पाई है.
एमडीएम खाने से या जंगली पौधे के ‘फल’ खाने से हुई बच्चों को उल्टी?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 03, 2016
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