कोसी के सुपौल, सहरसा तथा मधेपुरा जिले में ठंड का कहर दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। तापमान में लगातार हो रही गिरावट से लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
वहीं पछुआ हवा के झोंके आग में घी का काम कर रहे हैं। आलम यह है कि सुबह काफी देर तक चारों ओर घने कोहरे का साम्राज्य छाया रहता है। वहीं शाम होते ही पूरा इलाका कोहरे के सफेद चादर में लिपट जाता है।
जिसके कारण सड़कों पर वाहनों को आवागमन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। सोमवार को भी ठंड का कहर जारी रहा।अपराह्न के बाद सर्दी की सनसनी फिर शुरू हो गयी। हाड़ कंपा देने वाली ठंड से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कड़ाके की ठंड ने कर्फ्यू की वजह से जिला मुख्यालय एवं अन्य हिस्सों में लोगों का सड़कों पर आवागमन तकरीबन ठप पड़ता जा रहा है। बहुत जरूरी कार्य से ही लोग मजबूरन सड़कों पर निकलते हैं। वरना अधिकांश लोग इस ठंड के कर्फ्यू की वजह से घरों में ही दुबकना पसंद करते हैं।
तापमान में लगातार जारी गिरावट का खामियाजा सबसे अधिक गरीब व मजदूर वर्ग के लोगों को उठाना पर रहा है। भारी ठंड व दिन छोटा करने की वजह से उन्हें नियमित रूप से रोजगार नहीं मिल पाता है। वहीं झोपड़नुमा घर में गर्म कपड़ों व जरूरी संसाधन के अभाव में उनकी रातें भी बड़ी मुश्किल से कट पाती है।ठंड की वजह से बच्चों व बुजुर्गों की कठिनाईयां भी बढ़ गयी हैं। कड़ाके की ठंड के बावजूद प्रशासन द्वारा अब तक चौक-चौराहों व गरीब बस्तियों में अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है। नतीजतन ठंड से ठिठुर रहे लोग कागज, प्लास्टिक व सड़कों पर जमा कचड़ा जला कर ही अपना शरीर गर्म रखने का प्रयास करते हैं।
बता दें कि सोमवार को सुपौल का अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 08 डिग्री सेल्सियस रहा। सहरसा तथा मधेपुरा का भी तापमान इसी के आसपास रहा है.
उधर मधेपुरा तथा सहरसा के भी सभी इलाकों में ठंढ का कहर जारी है और ग़रीबों की
जान को आफत है. अधिकांश संगठन अभी न तो अलाव की व्यवस्था और न ही कम्बल वितरण की ही
व्यवस्था कर रहे हैं, शायद कईयों को कुछ जानें जाने का इन्तजार है जिसके बाद वे कैमरे
के सामने अपनी सक्रियता प्रदर्शित करेंगे.
कोसी में ठंड के कहर से ठहर रहा जन-जीवन, गरीब-गुरबों की बढ़ी मुश्किलें
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 12, 2016
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