मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के रामपट्टी गाँव के सपूत आईपीएस विवेकानंद सिंह आज देश भर में सुर्ख़ियों में हैं और उनकी देशभक्ति न सिर्फ जिले और कोसी बल्कि राज्य और देश के लिए गर्व करने लायक है.
2012 बैच के विवेकानंद सिंह को देश की 70वीं स्वतंत्रता दिवस पर महामहिम प्रणव मुखर्जी ने वीरता पुरस्कार (Police Medal for Gallantry -PMG) से सम्मानित किया है.
सिंहेश्वर प्रखंड के रामपट्टी के लीलानंद सिंह (वर्तमान में एसडीओ टेलीफोन, मधेपुरा) और श्रीमती किरण सिंह के आईपीएस विवेकानंद सिंह को वीरता पुरस्कार उस बहादुरी के लिए दिया गया है जब वर्ष 2015 की 9 अप्रैल को उन्होंने असम में मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स में GNLA (Garo National Liberation Army) के AK-47 से लैश आतंकी को मुठभेड़ में मार गिराया था. घंटों चले उस ऑपरेशन में आतंकियों के कब्जे से हथियारों और गोली-बारूद का बड़ा जखीरा भी मिला था. मधेपुरा की मिटटी के लाल विवेकानंद सिंह उस समय वेस्ट गारो हिल्स के डेडंगरी में सब-डिविजनल पुलिस ऑफिसर के पद पर तैनात थे.
विवेकानंद सिंह की अविस्मरणीय बहादुरी, अद्भुत नेतृत्व क्षमता और टैक्टिकल स्किल को देखते हुए सरकार ने उन्हें वीरता के बड़े पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया और भारत के राष्ट्रपति के हाथों इन्हें Police Medal for Gallantry से नवाजा गया.
निश्चित ही यह कोसी के लोगों के लिए गौरव का क्षण है और इस सपूत ने मधेपुरा को राष्ट्रीय फलक पर एक अलग पहचान दी है.
(रिपोर्ट: डॉ. आई. सी. भगत)
2012 बैच के विवेकानंद सिंह को देश की 70वीं स्वतंत्रता दिवस पर महामहिम प्रणव मुखर्जी ने वीरता पुरस्कार (Police Medal for Gallantry -PMG) से सम्मानित किया है.
सिंहेश्वर प्रखंड के रामपट्टी के लीलानंद सिंह (वर्तमान में एसडीओ टेलीफोन, मधेपुरा) और श्रीमती किरण सिंह के आईपीएस विवेकानंद सिंह को वीरता पुरस्कार उस बहादुरी के लिए दिया गया है जब वर्ष 2015 की 9 अप्रैल को उन्होंने असम में मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स में GNLA (Garo National Liberation Army) के AK-47 से लैश आतंकी को मुठभेड़ में मार गिराया था. घंटों चले उस ऑपरेशन में आतंकियों के कब्जे से हथियारों और गोली-बारूद का बड़ा जखीरा भी मिला था. मधेपुरा की मिटटी के लाल विवेकानंद सिंह उस समय वेस्ट गारो हिल्स के डेडंगरी में सब-डिविजनल पुलिस ऑफिसर के पद पर तैनात थे.
विवेकानंद सिंह की अविस्मरणीय बहादुरी, अद्भुत नेतृत्व क्षमता और टैक्टिकल स्किल को देखते हुए सरकार ने उन्हें वीरता के बड़े पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया और भारत के राष्ट्रपति के हाथों इन्हें Police Medal for Gallantry से नवाजा गया.
निश्चित ही यह कोसी के लोगों के लिए गौरव का क्षण है और इस सपूत ने मधेपुरा को राष्ट्रीय फलक पर एक अलग पहचान दी है.
(रिपोर्ट: डॉ. आई. सी. भगत)
राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार पाकर आईपीएस विवेकानंद ने मधेपुरा को दी एक नई पहचान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 17, 2016
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