मधेपुरा जिले के गम्हरिया में आज पुलिस मधेपुरा के इतिहास में सबसे शर्मनाक भूमिका में दिखी. गम्हरिया के थानाध्यक्ष सुनील कुमार और एएसआई राजबली यादव के इशारे पर सिपाहियों ने गम्हरिया के पत्रकार डिक्शन राज पर जमकर लाठियां बरसाई. गंभीर हालत में डिक्शन समेत करीब आधा दर्जन घायल को गम्हरिया के पीएचसी से मधेपुरा सदर अस्पताल रेफर किया गया है.घटना आज दिन की है जब कल के हंगामे के बाद आज गम्हरिया में पुलिस मार्च कर रही थी. मौके पर मधेपुरा के जिलाधिकारी मो० सोहैल और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार समेत कई अन्य उच्चाधिकारी भी मौजूद थे. बताया गया कि मौके पर न्यूज कवरेज के लिए जिला के कई पत्रकारों के अलावे गम्हरिया के स्थानीय पत्रकार भी साथ थे. घायल डिक्शन राज ने बताया कि सबकुछ ठीक था कि अचानक थानाध्यक्ष सुनील कुमार और गम्हरिया के ही एएसआई राजबली यादव के इशारे पर पुलिस ने अचानक उनके बड़े भाई की मिठाई की दुकान में घुसकर लाठियां बरसानी शुरू की. देखकर जब वे जब उन्हें रोकने गए तो पुलिस ने लाठियों से उनके शरीर को छलनी कर दिया. वहीं मौजूद उनके भाई गोपाल को भी पुलिस ने बर्बरतापूर्वक पीटा. यहीं नहीं गम्हरिया में आज पुलिस ने तांडव दिखाते हुई करीब आधा दर्जन निरीह लोगों पर भी अपनी ताकत आजमाइश की और सन शाइन स्कूल सिंहेश्वर जा रहे एक 12 वर्षीय छात्र प्रवीण कुमार को भी बस पर चढ़ते समय खीच कर उसपर लाठियां बरसा दी.
गनीमत थी कि वहां मौजूद अन्य पत्रकारों ने ‘वर्दी
वाले उन गुंडों’ का जमकर विरोध शुरू कर दिया और सड़क पर ही धरना पर बैठ गए. मौके की नजाकत भांपते हुए घटनास्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने समझा-बुझा पत्रकारों को शांत किया. बाद में जिलाधिकारी मो० सोहैल और पुलिस अधीक्षक पीएचसी गम्हरिया गए और पत्रकार डिक्शन राज समेत अन्य घायलों से जानकारी ली. उधर पत्रकारों की मांग पर पुलिस अधीक्षक ने गम्हरिया थानाध्यक्ष सुनील कुमार को लाइन हाजिर कर दिया है. तत्काल पुरैनी के थानाध्यक्ष सुनील कुमार भगत को गम्हरिया का प्रभार दिया गया है. पुलिस अधीक्षक ने पत्रकार को घटना में शामिल अन्य सिपाहियों पर भी कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है.
घटना अत्यंत की शर्मनाक है मधेपुरा प्रेस क्लब ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए दोषी थानाध्यक्ष सुनील कुमार पर एफआईआर दर्ज करते हुए बर्खास्त करने की आवश्यकता जताई है ताकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ जिले में सुरक्षित रह सके. बता दें कि इससे पहले एक स्थानीय छुटभैये नेता के साथ सांठगाँठ कर निलंबित थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने डिक्शन राज को एक फर्जी मुकदमा में भी फंसाया था. इसके अलावे इस थानाध्यक्ष के काले करतूतों की लम्बी फेहरिस्त भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि सत्ता के लोगों से जुड़े रहने के कारण ये क़ानून को अपने हाथ में लेते रहे हैं.
(वि.सं.)
गम्हरिया में पुलिस बनी 'वर्दी वाला गुंडा': पत्रकार की बर्बर पिटाई, बच्चे को भी नहीं छोड़ा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 07, 2016
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