मधेपुरा: चौसा बीडीओ ने लगाया सदर इन्स्पेक्टर पर दुर्व्यवहार का आरोप, इन्स्पेक्टर ने कहा गलत हैं आरोप
मधेपुरा जिले के चौसा में कल हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुई एक घटना ने विवाद का रूप धारण कर लिया है. चौसा बीडीओ मिथिलेश बिहारी वर्मा ने मधेपुरा के सदर इन्स्पेक्टर मनीष कुमार पर अपने साथ दुर्व्यवहार और गाली-गलौज का आरोप लगाया है.
मधेपुरा के जिला पदाधिकारी के नाम लिखे आवेदन में चौसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा ने मधेपुरा के सदर इन्स्पेक्टर मनीष कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दिन मनीष कुमार उनके वेश्म में आये और ईंघन की मांग की. प्रधान लिपिक के मौके पर नहीं रहने पर के कारण जब बीडीओ ने उन्हें ड्यूटी करने के बाद तेल के लिए आने की बात कही तो सदर इन्स्पेक्टर भड़क गए और गाली देते हुए चिल्लाने लगे. आवेदन में बीडीओ ने कहा कि उसके बाद वे भी चिल्लाये, पर गाली नहीं दी. प्रधान लिपिक के आने के बाद इन्स्पेक्टर ने उन्हें भी गाली दी. बाद में उन्हें बीस लीटर तेल दिया भी गया. बीडीओ ने जिला पदाधिकारी से न्यायपूर्ण कार्यवाही की मांग की है.
जबकि आरोप के बावत मधेपुरा के सदर इन्स्पेक्टर मनीष कुमार ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि घटना के समय ईंधन की मांग करने पर बीडीओ ने ना-नुकुर किया तो मैंने उन्हें सिर्फ इतना कहा कि चुनाव ड्यूटी के लिए सरकार ईंधन देती है और ईंधन के लिए चुनाव जैसे महत्वपूर्ण दिन को बार-बार आना संभव नहीं है. इसपर बीडीओ भड़क गए. मौके पर बहस हुई थी पर किसी भी पक्ष से गाली-गलौज या अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं हुआ है. आवेदन में गलत आरोप लगाये गए हैं. इसकी पुष्टि वहां ड्यूटी पर मौजूद पुलिस तथा अन्य पदाधिकारियों से भी की जा सकती है.
जो भी हो चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कर्त्तव्य निर्वहन के दौरान इस तरह का विवाद ठीक नहीं है और जहाँ तक चौसा बीडीओ के द्वारा लिखे गए आवेदन की बात है तो उसकी भाषा शैली कुछ इस तरह की है कि जिसे हम अपने सभ्य पाठक के सामने प्रस्तुत भी नहीं कर सकते हैं.
(कार्यालय संवाददाता)
मधेपुरा के जिला पदाधिकारी के नाम लिखे आवेदन में चौसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा ने मधेपुरा के सदर इन्स्पेक्टर मनीष कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दिन मनीष कुमार उनके वेश्म में आये और ईंघन की मांग की. प्रधान लिपिक के मौके पर नहीं रहने पर के कारण जब बीडीओ ने उन्हें ड्यूटी करने के बाद तेल के लिए आने की बात कही तो सदर इन्स्पेक्टर भड़क गए और गाली देते हुए चिल्लाने लगे. आवेदन में बीडीओ ने कहा कि उसके बाद वे भी चिल्लाये, पर गाली नहीं दी. प्रधान लिपिक के आने के बाद इन्स्पेक्टर ने उन्हें भी गाली दी. बाद में उन्हें बीस लीटर तेल दिया भी गया. बीडीओ ने जिला पदाधिकारी से न्यायपूर्ण कार्यवाही की मांग की है.
जबकि आरोप के बावत मधेपुरा के सदर इन्स्पेक्टर मनीष कुमार ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि घटना के समय ईंधन की मांग करने पर बीडीओ ने ना-नुकुर किया तो मैंने उन्हें सिर्फ इतना कहा कि चुनाव ड्यूटी के लिए सरकार ईंधन देती है और ईंधन के लिए चुनाव जैसे महत्वपूर्ण दिन को बार-बार आना संभव नहीं है. इसपर बीडीओ भड़क गए. मौके पर बहस हुई थी पर किसी भी पक्ष से गाली-गलौज या अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं हुआ है. आवेदन में गलत आरोप लगाये गए हैं. इसकी पुष्टि वहां ड्यूटी पर मौजूद पुलिस तथा अन्य पदाधिकारियों से भी की जा सकती है.
जो भी हो चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कर्त्तव्य निर्वहन के दौरान इस तरह का विवाद ठीक नहीं है और जहाँ तक चौसा बीडीओ के द्वारा लिखे गए आवेदन की बात है तो उसकी भाषा शैली कुछ इस तरह की है कि जिसे हम अपने सभ्य पाठक के सामने प्रस्तुत भी नहीं कर सकते हैं.
(कार्यालय संवाददाता)
मधेपुरा: चौसा बीडीओ ने लगाया सदर इन्स्पेक्टर पर दुर्व्यवहार का आरोप, इन्स्पेक्टर ने कहा गलत हैं आरोप 
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
May 27, 2016
 
        Rating: 
      
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
May 27, 2016
 
        Rating: 


" प्रधान लिपिक के मौके पर नहीं रहने पर के कारण जब बीडीओ ने उन्हें ड्यूटी करने के बाद तेल के लिए आने की बात कही "
ReplyDelete--- चुनावी प्रक्रिया के समय ---- लिपिक महोदय का कार्यालय से अनुपस्थित रहना --- और BDO शहब के द्वारा लापरवाही भरे अंदाज़ - और प्रशासनिक पदाधिकारी को ड्यूटी में बाधा पहुंचाना - चुनाव के आचार संहिता का भी उल्लंघन है ---- क्या BDO शहब बताएँगे कि -- आपके लिपिक की अनुपस्थिति का कारण क्या था, मेरी समझ से BDO शहब पर कार्य के प्रति लापरवाही का स्पष्ट मामला बनता है,