जिला प्रशासन के निर्देश पर अधिकारी जिले के स्कूलों का भले ही लाख औचक निरीक्षण कर ले, पर अंत में मामला वहीँ जाकर अटक जाता है कि हम नहीं सुधरेंगे.मधेपुरा के गम्हरिया प्रखंड में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड विकास पधाधिकारी के द्वारा लगातार औचक निरीक्षण के बावजूद कई स्कूलों में अब भी सुधार नहीं हुए हैं. स्कूलों में न तो पढ़ाई का कोई माहौल बनाने की कोशिश हो रही है और न ही मध्यान्ह भोजन के प्रति ही शिक्षकों में कोई रुचि है.
बानगी के लिए गम्हरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय छतियौना का हाल देखिए. दिन के 12:30 बजे स्कूल के कुल चार शिक्षकों में सिर्फ दो उपस्थित हैं. एक एचएम और एक महिला शिक्षिका. बच्चों की संख्यां मुश्किल से दर्जन भर और उपस्थिति पंजी भी खाली. बच्चे खेल रहे हैं और शिक्षक बेपरवाह. स्कूल में मध्यान्ह भोजन की भी कोई व्यवस्था दिन के साढ़े बारह बजे तक नदारद.
बीईओ जवाहर प्रसाद यादव को सूचना देने पर वे जाँच कर कार्यवाही करने की बात कहते हैं. पर ये अकेले इस स्कूल की स्थिति नहीं है. जिले के सैंकड़ों स्कूल सरकार की शिक्षा व्यवस्था को मुंह चिढाते आपको मिल जायेंगे. सरकारें योजना बनती रहेंगी और बिहार में शैक्षणिक विकास की गाड़ी को छात्र, शिक्षक और अभिभावक यूं ही पंक्चर करते रहेंगे.
मधेपुरा: औचक निरीक्षण के बावजूद स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 05, 2016
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February 05, 2016
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