मैट्रिक: मधेपुरा में आत्मविश्वास से भरे पदाधिकारी, पड़ रहे हैं कदाचारियों पर भारी

बिहार के कुछ जिलों से मैट्रिक परीक्षा में नक़ल के कुछ दृश्य भले ही नेशनल इश्यू बन गए हों, पर मधेपुरा में लगातार दूसरे साल परीक्षाओं के दृश्य देखकर फील गुड का एहसास जरूर हो रहा है.
      मधेपुरा जिला में कदाचार मुक्त परीक्षा का सपना इस बार भी पूरा होता देख रहा है, जबकि जिला सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बदनाम रहा है. जबकि इस वर्ष भी बगल के जिलों से कदाचार की ख़बरें मिल रही है. पर इस बार भी जहाँ नक़ल का मुद्दा पूरे बिहार को कटघरे में खड़ा कर रहा है वहीँ मधेपुरा में पदाधिकारियों की सख्ती की वजह से जिले की नाक कटने से बचती दिखाई दे रही है.
      जिलाधिकारी गोपाल मीणा के नेतृत्व में जिले के अधिकारियों की पूरी टीम परीक्षा के दौरान आत्मविश्वास से भरी नजर आती है. कदाचारियों और कदाचार समर्थक फर्जी अभिभावकों पर जिला प्रशासन भारी पड़ रहा है और पकड़े जाने पर एक छोटे चींट-पुर्जे के साथ भी परीक्षार्थी निष्काषित कर दिए जा रहे हैं.
      एक बानगी लेते हैं. मधेपुरा जिला मुख्यालय के वीमेंस इंटर कॉलेज पर जब आज दिन में मधेपुरा के पंचायती राज पदाधिकारी खुर्शीद अंसारी, एडीएम विनय कुमार, एसडीओ विमल कुमार सिंह, एसडीपीओ कैलाश प्रसाद आदि की टीम परीक्षा की जांच के लिए पहुंची तो ताक-झाँक करते कदाचार समर्थक अभिभावक भी आसपास से खिसक गए. कक्ष में अंदर पंचायती राज पदाधिकारी खुर्शीद अंसारी ने एक छात्र को एक पुर्जे के साथ पकड़ा और मौके पर ही पुर्जे को उत्तरपुस्तिका में नत्थी करते परीक्षार्थी को निष्काषित कर दिया.
      जिले में इंटरमीडिएट के बाद अब मैट्रिक में भी कदाचारमुक्त परीक्षा जारी रहना मधेपुरा जिले को बिहार में गर्व करने का अवसर तो जरूर प्रदान कर रहा है और ऐसा लग रहा है कि यदि आगे भी इसी तरह रहा तो कहा जा सकता है कि अब मधेपुरा के अच्छे दिन आने वाले हैं.
मैट्रिक: मधेपुरा में आत्मविश्वास से भरे पदाधिकारी, पड़ रहे हैं कदाचारियों पर भारी मैट्रिक: मधेपुरा में आत्मविश्वास से भरे पदाधिकारी, पड़ रहे हैं कदाचारियों पर भारी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 20, 2015 Rating: 5

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