ललित नारायण मिश्र की हत्या मामले में मधेपुरा के सूदेवानन्द अवधूत को उम्रकैद: ग्रामीणों में आक्रोश, कहा इंदिरा गाँधी के साजिस के शिकार हुए संत


ललित बाबू के हत्या के आरोपी आचार्य सूदेवानन्द अवधूत को उम्र कैद की सजा सुनाये जाने के बाद उनके पैतृक गांव मधेपुरा जिले के गम्हरिया थाना के चिकनी फुलकाहा में मातमी सन्नाटा पसर गया है. पूर्व रेल मंत्री स्व० ललितनारायण मिश्रा के हत्या के आरोप में आचार्य सूदेवानन्द अवधूत को उम्रकैद की सजा दिल्ली के करकडडूमा कोर्ट द्धारा सुनाये जाने के बाद उनके परिजनों और ग्रामीणों में मायूसी छा गई है. हत्या के आरोपी आचार्य सूदेवानन्द अवधूत के परिजन और ग्रामीणों  ने कहा कि ललित बाबू के बढ़ते कद और लोकप्रियता से घबड़ाकर पूर्व प्रधानमंत्री स्व० इंदिरा गांधी ने साजिश रचकर हत्या करवा दी और सीधे-साधे संन्यासी को फंसा दिया. चूंकि स्व० इंदिरा गांधी नहीं चाहती थी कि ललित बाबू जिंदा रहे और न ही आनन्द मार्ग फले-फूले.
बता दें कि आचार्य सूदेवानन्द अवधूत लगभग 30 साल की उम्र में ही पत्नी और बच्चों को छोडकर घर से संन्यास धारण कर बाहर निकल गये थे. काफी दिनों के बाद वे सिर्फ एक बार घर आये थे. सूदेवानन्द अवधूत के घर का नाम मिस्री लाल यादव था और उन्होंने अपने गांव के प्राथमिक स्कूल से ही शिक्षा प्रारंभ की तथा ईटहरी मिड्ल  स्कूल से आठवीं तथा हरदी चौघारा हाई स्कूल से 10 वीं तथा सहरसा कॉलेज सहरसा से इंटर पास करने के बाद शिक्षण-प्रशिक्षण की डिग्री हासिल कर संन्यास धारण कर लिया. साधारण परिवार में जन्में मिस्री लाल काफी सीधे-साधे थे और जब वे आनन्द मार्ग में काफी रम गये तो उनका नाम  आचार्य सूदेवानन्द अवधूत हो गया. संन्यास धारण करने के बाद कभी भी वे अपने गांव में नहीं रहे हालांकि कभी कभार आते- जाते थे. आचार्य सूदेवानन्द अवधूत दिल्ली के आनन्द मार्ग आश्रम में ही रहा करते थे.
अभी फिलहाल सूदेवानन्द अवधूत तिहाड़ जेल में बंद हैं. ललित बाबू की हत्या के आरोप में आचार्य सूदेवानन्द अवधूत को सजा सुनाये जाने के बाद उनके पैतृक गांव मधेपुरा जिले के गम्हरिया थाना के चिकनी फुलकाहा में मातमी सन्नाटा पसर गया है.  
आचार्य सूदेवानन्द अवधूत के भाई अनिल यादव, परिजन हरिनारायण कुमार,  चन्द्रशेखर  कुमार,  राकेश कुमार, माला देवी, गणेश कुमार सहित सैकडों ग्रामीणों ने आज सजा सुनाये जाने के बाद भावुक स्वर में कहा कि जानबूझकर आनन्द मार्ग के संतों को फंसाया गया है. ग्रामीणों और परिजनों को अब भी आशा है कि उच्च न्यायालय से जरूर न्याय मिलेगा और न्यायालय इन्हें दोष मुक्त साबित करेंगे. 
पूर्व रेल मंत्री स्व0 ललितनारायण मिश्रा की हत्या 2 फरवरी 1975 ई० में समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ी रेल लाईन के उदघाटन करने के दौरान बम विस्फोट में हुई थी.
(आर.एन.यादव की रिपोर्ट)  
ललित नारायण मिश्र की हत्या मामले में मधेपुरा के सूदेवानन्द अवधूत को उम्रकैद: ग्रामीणों में आक्रोश, कहा इंदिरा गाँधी के साजिस के शिकार हुए संत ललित नारायण मिश्र की हत्या मामले में मधेपुरा के सूदेवानन्द अवधूत को उम्रकैद: ग्रामीणों में आक्रोश, कहा इंदिरा गाँधी के साजिस के शिकार हुए संत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 18, 2014 Rating: 5

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