|वि० सं०|05 अक्टूबर 2013|
जिले को दहला देने वाली घटना का दोषी अबतक न तो
सरेंडर ही किया है और न ही मधेपुरा पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रति संजीदा है. 30
सितम्बर को भर्राही ओपी के दारोगा ने अपनी पत्नी को गोली मारकर मौत की नींद सुला
दी थी. पिता के आरोप पर दहेज हत्या का मामला तो आरोपी दरोगा द्रवेश कुमार के खिलाफ
पुलिस ने दर्ज कर लिया पर ऐसा प्रतीत होता है कि उसे सिर्फ सस्पेंड कर मधेपुरा
पुलिस कर्तव्य की इतिश्री मान रही है. जबकि हत्या जैसी इतनी बड़ी घटना में कोई ‘आम आदमी’ आरोपी होता तो निश्चित ही पुलिस
की कार्यशैली अलग होती.
कर
अपने खिलाफ न लिखकर समर्थन में लिखने को कह रहे हैं. हत्यारोपी से अबतक मधुर सम्बन्ध
वाले पत्रकार को मधेपुरा टाइम्स की सलाह है कि वे लिखें कि दारोगा द्रवेश कुमार ने
अपनी पत्नी का इतना ध्यान रखा और इतना प्यार दिया कि खुशी के मारे उसने खुद को
गोली मार ली.
सूत्रों
के मुताबिक़ शर्मनाक स्थिति यह है कि पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों से भी
हत्यारोपी दारोगा संपर्क साधे हुए है और अपने को बचाने की जुगत में हैं. यहाँ
बताना उचित होगा कि हाल के वर्षों में मधेपुरा पुलिस की छवि काफी बदली है आम लोगों
का भरोसा कानून व्यवस्था पर कायम हुआ है. ऐसे में यदि कोई हत्यारोपी चाहे वह पुलिस
का आदमी ही क्यों न हो, यदि गिरफ्तार नहीं होता है तो लोगों के भरोसे को बचा कर
रखना मधेपुरा पुलिस के लिए मुश्किल होगा.
दूसरी
तरफ क़ानून का रखवाला होने का दावा करने वाले हत्यारोपी दारोगा का आत्मसमर्पण नहीं
करना भी उसके द्वारा अभिलाषा की हत्या करने के शक को और गहरा देता है.
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Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 05, 2013
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