|मुरारी कुमार सिंह|21 अक्टूबर 2012|
मधेपुरा के बिजली विभाग द्वारा गत 08 अक्टूबर को जिला
मुख्यालय के होटल मधेपुरा के बगल के एक दुकान में छापेमारी कर एफआईआर कर देने के खिलाफ
दुकानदार रौशन कुमार ने प्राथमिकी पर भारी आपत्ति जताई है.
विद्युत
कार्यपालक अभियंता को इस सम्बन्ध में एक आवेदन देकर उपभोक्ता (संख्या. 3575) ने कहा
कि उनका कनेक्शन बिलकुल वैध था और मीटर भी लगा था. प्राथमिकी में एक किलोवाट विद्युत
भार की बिजली चोरी का आरोप लगाया गया है जबकि उन्हें कनेक्शन के समय ही एक किलोवाट
का उपयोग करने की अनुमति दी गई है. दर्ज कराये गए प्राथमिकी और जांच प्रतिवेदन सह जब्ती
सूची में और भी जी विरोधाभास हैं. उन्होंने मीटर जल जाने की सूचना विभाग को वर्ष 2002
में ही दे दी थी, पर विभाग ने मीटर नहीं बदला. और अब विभाग की लापरवाही का खामियाजा
मुझे भुगतने को कहा जा रहा है.
उपभोक्ता
ने आगे आरोप लगते हुए कहा है कि बगल के दुकानदार बगैर किसी कनेक्शन के बिजली विभाग
की मिलीभगत से बिजली जला रहा था और उसका तार काट कर ले जाने के बावजूद किसी प्रकार
की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई और उस कटे तार को मेरे प्राथमिकी में दिखा दिया गया है.
इससे एड्स लगता है कि बिजली विभाग अवैध उगाही में जुटा हुआ है. उपभोक्ता ने न्याय की
मांग की है.
बिजली विभाग पर उपभोक्ता ने लगाया गलत एफआईआर का आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 21, 2013
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