|वि० सं०|06 अगस्त 2013|
मृतक अनिल कुमार राय के परिजनों द्वारा मधेपुरा के
एक चिकित्सक पर ऑपरेशन में लापरवाही बरतने के आरोप को सम्बंधित चिकित्सक ने सिरे
से खारीज किया है और इसे बिना आधार के बताते हुए ब्लैकमेल की साजिस कहा है.
राज्य
उपभोक्ता आयोग ने अपने ऊपर क्षतिपूर्ति के लिए दायर परिवादपत्र के बारे में डॉ०
दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि रोगी की मौत उनके नहीं बल्कि मृतक के परिजनों की
लापरवाही की वजह से ही हुई है. उन्होंने बताया कि रोगी हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित था और
उन्होंने 16 मार्च को ऑपरेशन के बाद जौंडिस विकसित हो जाने के बाद उसे समय से 23 मार्च
को ही बेहतर इलाज के लिए ‘हाइयर सेंटर’ रेफर किया था, और रेफर में रोगी की सारी स्थिति भी लिख
दिया. पर पता चला कि रोगी के परिजन ने बाहर उसे दिखाकर सम्बंधित डॉक्टर से रिक्वेस्ट
कर एक-दो दिनों के बाद ही घर वापस ले आये थे. जिसके बाद परिजन खुद ही रोगी का इलाज
करने लगे थे तथा दवा और इंजेक्शन तक बिना जानकारी खुद दे रहे थे. इसी लापरवाही के
कारण पेशेंट की स्थिति बिगड़ गई थी. परिजनों ने रोगी का इलाज ठीक से नहीं कराया
जिसकी वजह से करीब एक महीने के बाद रोगी की जान गई.
चिकित्सक
ने यह भी बताया कि वे काफी दिनों से मधेपुरा में सफल ऑपरेशन करते रहे हैं और जिन
रोगियों का इलाज मधेपुरा में संभव नहीं होता है उसे तुरंत ही बाहर रेफर कर देते
हैं. किसी भी मामले में उनके द्वारा नेग्लिजेंस का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है.
राज्य उपभोक्ता आयोग में परिजनों की लापरवाही का खुलासा हो जाएगा.
चिकित्सक ने रोगी के परिजनों के आरोप को बताया निराधार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 06, 2013
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